नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) भारत ने अपनी हवाई शक्ति को बढ़ाने के लिए पांचवीं पीढ़ी का ‘स्टेल्थ’ लड़ाकू विमान विकसित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत इकाई ‘एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी’ (एडीए) ने विमान के प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए रुचि पत्र (ईओ) आमंत्रित किए हैं।
इस परियोजना के अंतर्गत सरकार उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) के पांच प्रोटोटाइप बनाने की योजना बना रही है।
भारत अपनी हवाई शक्ति की क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नत ‘स्टेल्थ’ विशेषताओं से युक्त मध्यम वजन वाला लड़ाकू जेट विकसित करने की महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है।
हल्के लड़ाकू विमान तेजस के साथ एएमसीए को भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनाने की योजना है।
एडीए ने कहा कि ईओआई का उद्देश्य तकनीकी रूप से एएमसीए प्रोटोटाइप बनाने में सक्षम भारतीय कंपनियों (जिनका स्वामित्व और नियंत्रण भारतीय नागरिकों के पास है) को सूचीबद्ध करना है।
आधिकारिक नोट में कहा गया कि आवेदक एकल कंपनी, संयुक्त उद्यम या कंपनियों का संघ हो सकता है।
इसमें कहा गया कि वांतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में अनुभव रखने वाली तथा एएमसीए के डिजाइन की क्षमता रखने वाली प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियों को इस परियोजना के लिए चुना जाएगा।
इसमें कहा गया कि चयनित इकाई के पास विमान के श्रृंखलाबद्ध उत्पादन के लिए विनिर्माण सुविधा स्थापित करने की क्षमता होनी चाहिए।
एडीए ने कहा कि एएमसीए के विकास, प्रोटोटाइपिंग, उड़ान परीक्षण और प्रमाणन के लिए अनुबंध की अवधि अनुबंध की प्रभावी तिथि से आठ वर्ष से अधिक नहीं होगी।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश