(तस्वीरों सहित)
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) युद्धग्रस्त ईरान से सुरक्षित निकाले जाने के बाद बृहस्पतिवार को वापस लौटे छात्रों ने वहां के भयावह मंजर को बयां किया।
वापस लौटे एमबीबीएस छात्र मीर खलीफ ने कहा, ‘‘हमारे पड़ोस में ही आसमान से मिसाइलें गिर रही थीं, बमबारी हो रही थी।’’
खलीफ, उन 110 भारतीय छात्रों में से एक हैं जो बृहस्पतिवार को सुबह-सुबह पहली निकासी उड़ान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत इन छात्रों को भारत लाया गया।
जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र सहित इन सभी को ईरान के शहरों में विस्फोट और हवाई हमले के मद्देनजर इस सप्ताह की शुरुआत में तेहरान से आर्मेनिया ले जाया गया था। बचाव अभियान में समन्वय भारतीय दूतावास द्वारा किया गया।
खलीफ ने ईरान की भयावह यादों को एक बुरा सपना बताया और उन्हें पहले आर्मेनिया पहुंचाने, फिर वतन वापसी के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मिसाइलें गिरती देखी। युद्ध हो रहा था। हमारे पड़ोस में बमबारी हो रही थी। हम बेहद डर गए। मैं दुआ करता हूं कि किसी छात्र को ऐसे दिन कभी न देखने पड़ें।’’
खलीफ ने कहा, ‘‘ईरान में अब भी छात्र फंसे हैं। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि उन्हें भी जल्द भारत लाया जाएगा।’’
कश्मीर की छात्रा वार्ता के चेहरे पर भी डर साफ दिख रहा था।
उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हम पहले समूह हैं जिन्हें ईरान से निकाला गया है। स्थिति काफी गंभीर थी। हम डरे हुए थे। हम भारत सरकार और भारतीय दूतावास का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमें यहां लाने के लिए बहुत तेजी से काम किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पड़ोस में ही हमले हो रहे थे। जब भारत सरकार से संपर्क हुआ तब जाकर हमने राहत की सांस ली।’’
कश्मीर के एक अन्य छात्र हुजैफ मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम 90 लोग कश्मीर से हैं। हम आज सुबह यहां पहुंचे और अब हम स्लीपर बसों से कश्मीर जा रहे हैं। कुछ छात्र विमान से भी अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं।’’
दिल्ली के एक छात्र अली अकबर ने कहा कि हर तरफ तबाही का दृश्य था।
उन्होंने कहा, ‘‘बस यात्रा के दौरान हमने एक मिसाइल और एक ड्रोन आसमान से गिरते देखे। तेहरान तबाह हो गया है। समाचारों में दिखाई गई तस्वीरें बिल्कुल सही हैं, स्थिति बहुत खराब है।’’
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचे और वापस आये छात्रों से बातचीत की।
बाद में, सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से निकाले गए 110 भारतीय नागरिकों के पहले जत्थे का गर्मजोशी से स्वागत किया जो विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा और हित के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’’
सिंह ने हवाई अड्डे पर भारतीय नागरिकों के आगमन की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
सिंह ने पुष्टि की कि ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत निकासी के प्रयास जारी हैं, और अधिक विमान वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विमान तैयार हैं। हम आज एक और विमान भेजेंगे। हम तुर्कमेनिस्तान से कुछ और लोगों को निकाल रहे हैं। निकासी अनुरोध के लिए हमारे दूतावासों से 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है। जैसे-जैसे स्थिति बदलेगी, हम भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए और विमान भेजेंगे।’’
केंद्रीय मंत्री ने तुर्कमेनिस्तान और आर्मेनिया की सरकारों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर छात्रों की कुछ तस्वीरें साझा कीं।
उन्होंने लिखा, ‘‘ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीयों को वतन वापस लाया गया है। इस ऑपरेशन के तहत ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र आर्मेनिया से एक विशेष उड़ान से सुरक्षित रूप से नयी दिल्ली पहुंच गए हैं। राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’’
अधिकारियों ने बुधवार को कहा था कि ईरान से निकाले जा रहे भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान 19 जून की सुबह आर्मेनिया की राजधानी येरेवान से भारत पहुंचेगी।
इस बीच, दिल्ली हवाई अड्डे पर कई अभिभावक अपने बच्चों से मिलने के लिए उत्सुकता से इंतजार करते दिखे।
एमबीबीएस छात्र माज हैदर के पिता हैदर अली ने कहा, ‘‘हम खुश हैं और भारत सरकार के आभारी हैं। लेकिन यह जानकर हमारा दिल अब भी भारी है कि कई छात्र अब तक तेहरान में फंसे हैं। हम सरकार से उन्हें भी वापस लाने का आग्रह करते हैं।’’
वतन वापस लौटे एक अन्य छात्र के पिता बुलंदशहर निवासी परवेज ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘हम बेहद तनाव में थे। लेकिन भारत सरकार ने छात्रों को आर्मेनिया पहुंचाया जहां उन्हें अच्छे होटल में रखा गया। हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं।’’
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने निकासी अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया।
एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शेष सभी छात्रों को जल्द ही निकाल लिया जाएगा।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश