अमरावती, 19 जून (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘तेदेपा’ के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पिछड़े क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी।
राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड (एसआईपीबी) की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उद्योगों की स्थापना से उन क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा और इस तरह ‘पूरे राज्य में समृद्धि फैलेगी।’
मुख्यमंत्री के हवाले से एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगों और परियोजनाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।’’
इसके अलावा, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एसआईपीबी ने 28,270 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनसे 30,270 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
स्वीकृत परियोजनाओं में रेमंड (1,201 करोड़ रुपये), रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (1,622 करोड़ रुपये), अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी फिफ्टी वन लिमिटेड (8,010 करोड़ रुपये), अदाणी हाइड्रो एनर्जी फोर लिमिटेड और अदाणी हाइड्रो एनर्जी वन लिमिटेड (10,900 करोड़ रुपये) और चिंता ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (2,323 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि अबतक सात एसआईपीबी बैठकों में कुल 5.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को मंजूरी दी गई है, जिससे लगभग पांच लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य भर में आगामी औद्योगिक परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को अधिकांश नौकरियां मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसलिए युवाओं के लिए कौशल विकास को मुख्य नीति उद्देश्य माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना पर काम चल रहा है कि आने वाले निवेश को पूरे राज्य में समान रूप से वितरित किया जाए।
नायडू ने कहा कि पर्यटन, आईटी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को विकास के प्रमुख चालक बनना चाहिए। उन्होंने पोलावरम परियोजना के साथ-साथ पापिकोंडालु के पास नाव पर्यटन परियोजनाओं को विकसित करने का प्रस्ताव रखा।
इसी तरह, उन्होंने अधिकारियों को इच्छुक कंपनियों के सहयोग से विशाखापत्तनम और राज्य के अन्य तटीय क्षेत्रों में लक्जरी नौकाओं और क्रूज जहाजों के संचालन की संभावना तलाशने का निर्देश दिया।
आगे बढ़ते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि हर महीने कम से कम दो एसआईपीबी बैठकें आयोजित की जानी चाहिए, जिसका लक्ष्य सालाना कम से कम 25 बैठकें आयोजित करना है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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