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Friday, June 20, 2025

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट श्रृंखला से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अनावरण

Newsभारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट श्रृंखला से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अनावरण

लीड्स, 19 जून (भाषा) महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन ने बृहस्पतिवार को भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले मैच से पहले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का औपचारिक रूप से अनावरण किया।

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मिलकर दोनों देशों के बीच होने वाली श्रृंखला का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखा है। इससे अब यह भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के लिए पटौदी ट्रॉफी (इंग्लैंड में श्रृंखला के लिए) और एंथोनी डि मेलो ट्रॉफी (भारत में श्रृंखला के लिए) की जगह लेगी।

यह ट्रॉफी पहले 14 जून को लांच होनी थी लेकिन अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के कारण इसकी तारीख आगे खिसका दी गई।

पटौदी परिवार के प्रति सम्मान को बरकरार रखते हुए भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला के विजेता कप्तान को नए पटौदी पदक से सम्मानित किया जाएगा। ट्रॉफी में एंडरसन और तेंदुलकर की ‘एक्शन’ की छवि है और साथ ही उनके उभरे हुए हस्ताक्षर भी हैं।

महान बल्लेबाज तेंदुलकर ने एक दशक से भी अधिक समय पहले अपने 200वें टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, वहीं एंडरसन ने अपना 188वां और आखिरी टेस्ट 2024 में खेला था।

सोलह साल की उम्र में पदार्पण करने वाले तेंदुलकर 15,921 रनों के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं।

तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ 32 टेस्ट मैचों में 51.73 के औसत से 2,535 रन बनाए हैं। उन्होंने 2002 में हेडिंग्ले में सर्वश्रेष्ठ 193 रन का स्कोर बनाया था।

वहीं स्विंग के महान गेंदबाजों में शुमार एंडरसन ने 704 टेस्ट विकेट झटके हैं जो किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं। वह सर्वकालिक सूची में केवल मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और शेन वार्न (708 विकेट) से पीछे तीसरे स्थान पर हैं।

ट्रॉफी का अनावरण करते हुए महान बल्लेबाज तेंदुलकर ने कहा कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट हमेशा शीर्ष पर बना रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है जिसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हो और अगर चीजें गलत हो जाती हैं तो इसमें आपको फिर से एक और दिन एकजुट होने, सोचने और वापसी का मौका देता है। ’’

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘यह खेल का शीर्ष प्रारूप है जो आपको सभी बाधाओं से निपटने के लिए सहनशीलता, अनुशासन और अनुकूलनता सिखाता है। मैं टेस्ट क्रिकेट को अपनी नींव का श्रेय देता हूं क्योंकि इसने मुझे निराशाओं से जीत तक पहुंचाया और उम्मीदों को पूरा करते हुए दिखाया है। ’’

इस महान बल्लेबाज ने कहा कि भारत और इंग्लैंड ने पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट को इस तरह से आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। और अब, जब मैं मैदान पर मुझे चुनौती देने वाले और मैदान के बाहर ‘जेंटलमैन’ जेम्स के साथ यह सम्मान साझा कर रहा हू तो मुझे उम्मीद है कि दुनिया टेस्ट क्रिकेट के सार का और भी अधिक जश्न मनाएगी। ’’

एंडरसन ने कहा कि यह उनके और तेंदुलकर के लिए वास्तव में सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘सचिन और मेरे नाम पर इस प्रतिष्ठित श्रृंखला का नाम रखना मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है। हमारे दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही कुछ खास रही है जो कभी नहीं भुलाने वाले पलों से भरी हुई है। ’’

बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने इस मौके को अहम बताते हुए कहा, ‘‘यह क्रिकेट के लिए सही में एक महत्वपूर्ण मौका है। भारत और इंग्लैंड के बीच प्रतिष्ठित टेस्ट श्रृंखला का नाम खेल के दो महान खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखना उनके योगदान के लिए उचित सम्मान है। ’’

भाषा नमिता

नमिता

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