नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) भारत में वर्ष 2024 में विज्ञान संकाय से 12वीं कक्षा की लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत पहली बार कला संकाय से उत्तीर्ण होने वाली लड़कियों के उत्तीर्ण प्रतिशत से आगे निकल गया। शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई।
यह रिपोर्ट भारत भर के 66 स्कूली शिक्षा बोर्डों के विश्लेषण पर आधारित है, जिसमें 54 नियमित और 12 पत्राचार बोर्ड शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 97 प्रतिशत विद्यार्थी शीर्ष 33 बोर्ड से संबंद्ध हैं जबकि बाकी केवल तीन प्रतिशत छात्र शेष 33 बोर्ड से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
वर्ष 2022 में 28.2 लाख लड़कियां कला संकाय से उत्तीर्ण हुईं, जबकि विज्ञान संकाय से 23.3 लाख लड़कियां पास हुईं।
वहीं 2023 में, 29.6 लाख लड़कियां 12वीं कक्षा में कला संकाय से और 25.6 लाख लड़कियां विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण हुईं।
स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने बताया,“पिछले 11 वर्षों में (2013 से 2024 तक) विज्ञान संकाय की 12वीं कक्षा का उत्तीर्ण प्रतिशत लगातार बढ़ा है। 2013 में, 36.3 लाख विद्यार्थी विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण हुए जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 61 लाख हो गई।”
उन्होंने बताया, “इन वर्षों के दौरान विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण होने वाली लड़कियों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है, जो 2013 में 13.4 लाख से बढ़कर 2014 में 28.1 लाख हो गई।”
कुमार ने बताया कि 2024 में विज्ञान में सबसे अधिक विद्यार्थियों ने रूचि दिखाई।
उन्होंने बताया, “पहली बार, विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण होने वाली लड़कियों की संख्या कला संकाय की लड़कियों से अधिक थी। यह विद्यालयों में विषयवार प्रयोगशालाओं, शिक्षकों, एटीएल, स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाओं की उपलब्धता में सुधार के कारण हो सकता है।”
रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में वंचित वर्गों की 1.7 लाख लड़कियों ने विज्ञान विषय के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी, जो 2024 में बढ़कर 4.1 लाख हो गई।
इसी तरह, विज्ञान विषय के साथ उत्तीर्ण होने वाली अनुसूचित जनजाति (एसटी) की लड़कियों की संख्या 2013 में 60,000 से बढ़कर 2024 में 1.4 लाख हो गई। रिपोर्ट में वाणिज्य विषय के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी गिरावट की ओर इशारा किया गया है।
वर्ष 2022 में वाणिज्य विषय के साथ 18 लाख छात्र उत्तीर्ण हुए, जो 2024 में घटकर 16.8 लाख रह गए।
भाषा जितेंद्र माधव
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