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Friday, June 20, 2025

चार राज्यों की पांच सीट के लिए उपचुनाव कुल मिलाकर शांतिपूर्वक संपन्न

Newsचार राज्यों की पांच सीट के लिए उपचुनाव कुल मिलाकर शांतिपूर्वक संपन्न

(तस्वीरों के साथ)

लुधियाना/अहमदाबाद, 19 जून (भाषा) पंजाब, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल विधानसभा की पांच सीट पर बृहस्पतिवार को उपचुनाव हुए, जिसमें पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर शाम पांच बजे तक सबसे अधिक करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर उपचुनाव शांतिपूर्ण रहा।

गुजरात, पश्चिम बंगाल और पंजाब में मौजूदा विधायकों की मृत्यु के कारण एक-एक सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा जबकि दो विधायकों के इस्तीफे के कारण केरल और गुजरात की एक अन्य सीट पर उपचुनाव हुआ।

पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित कालीगंज सीट पर शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान हुआ।

एक निर्वाचन अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मतदान शांतिपूर्ण रहा। निर्वाचन क्षेत्र में और इसके आसपास कहीं से भी किसी घटना की कोई खबर नहीं है। शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान हुआ।’’

सूत्रों ने बताया कि मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता है क्योंकि मतदान समय समाप्त होने के बाद भी मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं।

तृणमूल कांग्रेस के विधायक नसीरुद्दीन अहमद का फरवरी में अचानक निधन होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। उनकी बेटी अलीफा तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आशीष घोष को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के समर्थन के साथ मैदान में हैं।

स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए पूरे निर्वाचन क्षेत्र में केंद्रीय बलों की चौदह कंपनियां तैनात की गई थीं। कुछ बूथ से मामूली तनाव की खबरें भी आई हैं।

चांदघर आदर्श विद्यापीठ के मतदान केंद्र 56 पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके मतदान एजेंट को तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरन हटा दिया, हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप से इनकार किया है।

घोष ने वोट डालने के बाद जीत का भरोसा जताया। उन्होंने हालांकि, मतदान प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि अधिकारियों ने तृणमूल एजेंट के ‘आग्रह’ पर जानबूझकर तर्जनी के बजाय उनकी बीच की उंगली पर स्याही लगा दी।

घोष ने आरोप लगाया, ‘‘पहले, जब मैं वोट डालने गया तो अधिकारी मेरी उंगली पर स्याही लगाना भूल गए। फिर, मैं वापस गया तो उन्होंने जानबूझकर मेरी मध्यमा उंगली पर स्याही लगा दी। यह पूर्व नियोजित था। यह कुछ और नहीं बल्कि टीएमसी की राजनीतिक साजिश है।’’

चुनाव अधिकारियों ने पुष्टि की कि किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया, लेकिन साथ ही कहा कि घटना के संबंध में जिलाधिकारी ने रिपोर्ट तलब की है।

निर्वाचन आयोग (ईसी) के अधिकारियों ने कई मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में पाए गए पार्टी के झंडे और तोरण हटा दिए। मतदाताओं को मतदान केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी और उन्हें आयोग द्वारा नियुक्त स्वयंसेवकों की देखरेख में निर्दिष्ट स्थानों पर अपने फोन जमा करने का निर्देश दिया गया था।

केरल के नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में अपराह्न 3 बजे तक 59.68 प्रतिशत मतदान हुआ।

उपचुनाव के लिए 263 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां सुबह से ही मतदाता पहुंचने लगे। इस निर्वाचन क्षेत्र के 2.32 लाख से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पात्र थे। उन्होंने 10 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद कर दिया।

इन 10 उम्मीदवारों में से सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) प्रत्याशी एम स्वराज, कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के आर्यदान शौकत, तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के संयोजक एवं निर्दलीय उम्मीदवार पी वी अनवर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मोहन जॉर्ज शामिल हैं।

यूडीएफ उम्मीदवार ने भारी अंतर से जीत का विश्वास जताया। वहीं एलडीएफ के स्वराज भी उपचुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ आरोप लगाने के बाद अनवर ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत एलडीएफ से नाता तोड़ते हुए इस निर्वाचन क्षेत्र के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी।

इस समय राज्य में तृणमूल कांग्रेस के संयोजक के रूप में काम कर रहे अनवर ने दावा किया कि तीनों मोर्चों यूडीएफ, एलडीएफ और राजग में से किसी ने भी अपने अभियान के दौरान जंगली जानवरों के हमलों जैसे स्थानीय मुद्दों पर चर्चा नहीं की।

उन्हें यह भी विश्वास है कि वह यूडीएफ और एलडीएफ के वोटबैंक में भी सेंध लगाएंगे।

गुजरात में विसावदर और कडी विधानसभा क्षेत्रों में शाम पांच बजे तक क्रमश: 54.61 प्रतिशत और 54.49 प्रतिशत मतदान हुआ।

राज्य सरकार ने मतदान के लिए बृहस्पतिवार को दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था।

भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

विसावदर सीट दिसंबर 2023 से खाली है, जब तत्कालीन ‘आप’ विधायक भूपेंद्र भयानी इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

अनुसूचित जाति (एससी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कडी सीट चार फरवरी को भाजपा विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हो गई थी।

विसावदर उपचुनाव के लिए भाजपा ने किरीट पटेल को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा है। ‘आप’ की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी चुनावी मैदान में हैं।

राज्य में अपने लगभग पूर्ण प्रभुत्व के बावजूद भाजपा 2007 से यह सीट नहीं जीत पाई है। पार्टी नेताओं ने इस बार भाजपा को जीत मिलने का भरोसा जताया।

विसावदर से ‘आप’ उम्मीदवार भूपेंद्र भयानी ने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्षद रिबादिया को 7,063 मतों के अंतर से हराया था। हर्षद पहले कांग्रेस में थे।

भाजपा ने कडी से राजेंद्र चावड़ा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक रमेश चावड़ा को टिकट दिया है। रमेश चावड़ा ने 2012 में यह सीट जीती थी लेकिन वह 2017 में भाजपा के करसनभाई सोलंकी से हार गए थे।

विसावदर की तरह कडी सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला है। इस चुनाव में ‘आप’ ने जगदीश चावड़ा को मैदान में उतारा है। मतों की गिनती 23 जून को होगी।

गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 161 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 12 और ‘आप’ के चार विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के पास एक सीट है तथा दो सीट पर निर्दलीय विधायक हैं।

पंजाब विधानसभा की लुधियाना पश्चिम सीट पर शाम पांच बजे तक 49.07 प्रतिशत मतदान हुआ।

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के जनवरी में निधन के बाद लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी।

‘आप’ उम्मीदवार संजीव अरोड़ा अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतदान केंद्र पहुंचे। वोट डालने से पहले अरोड़ा ने फिल्लौर में गुरुद्वारा, मंदिर और दरगाह पीर में मत्था टेका।

संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अरोड़ा ने बड़ी संख्या में लोगों से मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया मतदान करने के लिए आएं और आज अधिक से अधिक मतदान करें।’’

कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु, भाजपा उम्मीदवार जीवन गुप्ता और शिअद के परोपकार सिंह घुम्मण ने भी वोट डाला।

मतदान शुरू होने से पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मतदाताओं से उपचुनाव में वोट डालने की अपील की।

मान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘लुधियाना पश्चिम के मतदाताओं से मेरी अपील है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें। अपने क्षेत्र के विकास और प्रगति के लिए आप अपना कर्तव्य निभाएं। आज के दिन को अवकाश न समझें, मतदान करने जरूर जाएं।’’

निर्वाचन आयोग ने कहा कि पांच सीट में से एक मतदान केंद्र को छोड़कर सभी पर वेबकास्टिंग की गई।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए कुल 1,354 मतदान केंद्र बनाए गए थे और 1,353 पर वेबकास्टिंग की गई।

यह पहली बार था जब निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा प्रदान की। मतदान केंद्र के बाहर फोन जमा कराने का स्थान बनाया गया था। अब तक, ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी और कुछ मतदाता अपने कपड़ों में फोन छिपाकर मतदान केंद्रों के भीतर ले जाते थे, जो नियमों के खिलाफ है।

उपचुनाव के नतीजे 23 जून को घोषित किये जायेंगे।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

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