नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) कर्नाटक सरकार द्वारा विभिन्न आवास योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाए जाने के फैसले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को ‘अवैध और असंवैधानिक’ करार दिया तथा राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया।
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह शर्मनाक है। स्पष्ट रूप से अवैध और असंवैधानिक। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। संविधान इस मामले में स्पष्ट है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए धार्मिक आरक्षण लागू करने पर तुली हुई है।
मालवीय ने कहा, ‘‘कांग्रेस विभाजन के बीज बोने, समुदायों का ध्रुवीकरण करने और कर्नाटक के सामाजिक ताने-बाने को खत्म करने पर आमादा है – यह सब अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए है।’’
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्य में विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा, ‘‘राज्य भर में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवास विभाग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न आवास योजनाओं के तहत, यह निर्णय लिया गया है कि अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों में बेघर लोगों की बड़ी संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कर्नाटक सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिया।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदुओं के अधिकारों को छीना जा रहा है। यह ‘सभी के लिए सरकार’ नहीं है – यह ‘एक समुदाय के लिए सरकार’ है।’’
भंडारी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी और सिद्धरमैया का एकमात्र काम भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण में लिप्त रहना है।’’
भाषा यासिर अविनाश
अविनाश