बेंगलुरु, 19 जून (भाषा) कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्य के आम उत्पादकों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का फैसला किया। मौजूदा फसल मौसम के दौरान बाजार की कीमतों में भारी गिरावट के कारण आम उत्पादक गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए, कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने आम उत्पादकों की दुर्दशा, विशेष रूप से कोलार, चिक्काबल्लापुरा, बेंगलुरु ग्रामीण और मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र के मंत्रियों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘भारी नुकसान हुआ है और मुख्यमंत्री को राहत प्रदान करने के बारे में सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री चेलुवरायस्वामी को एक बार फिर केंद्रीय मंत्री से चर्चा करने का निर्देश दिया है।’’
राज्य के कृषि मंत्री एन चेलुवरायस्वामी को निर्देश दिया गया है कि यदि आवश्यक हो तो वह दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलें और ‘‘जितना संभव हो सके उतनी अधिक राहत प्राप्त करने के लिए केंद्र पर दबाव डालें।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार ने आम उत्पादकों को कोई राहत देने की प्रतिबद्धता जताई है, मंत्री ने कहा, ‘‘नहीं, हम केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं और अगर उसमें हमारा हिस्सा होगा तो इसपर विचार किया जाएगा।’’ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा अपने राज्य में ‘‘तोतापुरी आमों’’ के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने के लिए अपने समकक्ष चंद्रबाबू नायडू को लिखे पत्र के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मंत्री के एच मुनियप्पा ने उठाया था, लेकिन इस पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई।
सिद्धरमैया ने पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर कर्नाटक में आम किसानों के लिए तत्काल मूल्य कमी के अंतर का भुगतान करने और बाजार हस्तक्षेप योजना की मांग की थी।
भाषा राजेश राजेश अजय
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