27.2 C
Jaipur
Friday, June 20, 2025

ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ व्यापार साझेदारी में ‘गहरी रुचि’ जताई : पाकिस्तानी सेना

Newsट्रंप ने पाकिस्तान के साथ व्यापार साझेदारी में 'गहरी रुचि' जताई : पाकिस्तानी सेना

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 19 जून (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक जरूरतों और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी’ व्यापार साझेदारी स्थापित करने में गहरी रुचि व्यक्त की। पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

व्हाइट हाउस में बुधवार को ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के बीच हुई बैठक के बाद पाकिस्तानी सेना के मीडिया प्रकोष्ठ इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आतंकवाद-रोधी संयुक्त प्रयासों पर भी चर्चा की।

आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा कि दोनों के बीच चर्चा में व्यापार, आर्थिक विकास, खान और खनिज, कृत्रिम मेधा (एआई), ऊर्जा, क्रिप्टोकरेंसी और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के अवसरों पर चर्चा हुई।

सेना ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक जरूरत और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार साझेदारी स्थापित करने में गहरी रुचि जताई है।’’

पाकिस्तान सरकार की ओर से पहली औपचारिक प्रतिक्रिया में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेना प्रमुख मुनीर और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बैठक से पाकिस्तान-भारत संघर्ष के बारे में अपनी बात रखने में मदद मिली।

आसिफ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को आमंत्रित किया है और उनसे मुलाकात की है। ’’

ट्रंप-मुनीर की बैठक को पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों के 78 साल के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ बताते हुए आसिफ ने कहा कि यह घटनाक्रम शासन के वर्तमान ‘हाइब्रिड मॉडल’ की सफलता है, जिसमें निर्वाचित सरकार और सेना शामिल हैं।

आईएसपीआर के मुताबिक पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने ‘‘हालिया पाकिस्तान-भारत संघर्ष को रोकने में राष्ट्रपति ट्रंप की रचनात्मक और निर्णायक भूमिका के लिए पाकिस्तान सरकार और वहां के लोगों की ओर से आभार जताया।’’

मुनीर ने ट्रंप को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण भी दिया।

आईएसपीआर ने कहा कि यद्यपि शुरू में बैठक एक घंटे के लिए निर्धारित थी, लेकिन इसे दो घंटे से अधिक समय के लिए बढ़ा दिया गया, जिससे वार्ता की गंभीरता और सौहार्दपूर्ण माहौल इंगित होता है।

ट्रंप की ओर से मीडिया में की गई इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट था कि पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के साथ-साथ ईरान-इजराइल गतिरोध से उत्पन्न स्थिति पर मुनीर के साथ उन्होंने बैठक में प्रमुखता से चर्चा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (मुनीर) यहां इसलिए बुलाना चाहता था कि मैं युद्ध न करने, संघर्ष खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ समय पहले यहां से गए हैं और हम भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं इसलिए भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।’’

ट्रंप ने कहा कि वह ‘खुश’ हैं कि ‘दो बहुत ही समझदार’ लोगों ने उस युद्ध को जारी न रखने का फैसला किया। वह एक परमाणु युद्ध हो सकता था।

उन्होंने कहा, ‘‘वे दो परमाणु शक्तियां हैं, बड़ी परमाणु शक्तियां, और उन्होंने (संघर्ष को समाप्त करने के लिए) ऐसा फैसला किया।’’

मुनीर की मेजबानी करने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने का श्रेय लिया, लेकिन बैठक के बाद मीडिया को दिए अपने संबोधन में उन्होंने इसे नहीं दोहराया।

यह पूछने पर कि क्या मुनीर के साथ हुई बैठक में ईरान पर चर्चा की गयी, ट्रंप ने कहा, ‘‘खैर, वे ईरान को बहुत अच्छी तरह, ज्यादातर लोगों से बेहतर जानते हैं और वे किसी भी चीज से खुश नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि इजराइल के साथ उनके खराब रिश्ते हैं। वे असल में दोनों को जानते हैं लेकिन शायद वे ईरान को बेहतर जानते हैं लेकिन वे देख रहे हैं कि क्या चल रहा है और उन्होंने मुझसे सहमति जतायी है।’’

गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की।

ट्रंप ने कहा, ‘‘वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था। मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत समझदार नेताओं ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया। यह परमाणु युद्ध में बदल सकता था। वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया।’’

भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकवादी बुनियादी ढांचा नष्ट किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इसके बाद यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का श्रेय नहीं लिया है।

भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव ‘‘रोकने में मदद की’’ और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत व्यापार’’ करेगा।

भाषा रवि कांत रवि कांत धीरज

धीरज

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles