नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) दूरसंचार कंपनियों का मार्च 2025 को समाप्त तिमाही में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) सालाना आधार पर 12.44 प्रतिशत बढ़कर 79,226 करोड़ रुपये हो गया। दूरसंचार नियामक ट्राई ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।
रिलायंस जियो 29,464 करोड़ रुपये के एजीआर के साथ सूची में सबसे ऊपर है। यह वह राशि है जिससे सरकार लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में अपना हिस्सा एकत्र करती है।
ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारती समूह 26,324 करोड़ रुपये के एजीआर के साथ जियो के बाद दूसरे स्थान पर है। हालांकि, कंपनी ने आलोच्य तिमाही में इस खंड में 25.64 प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि हासिल की।
कर्ज में फंसी वोडाफोन आइडिया का एजीआर 3.84 प्रतिशत बढ़कर 7,653.53 करोड़ रुपये रहा। वहीं बीएसएनएल का समायोजित सकल राजस्व 12.45 प्रतिशत बढ़कर 2,239.54 करोड़ रुपये रहा।
मार्च तिमाही के दौरान टाटा टेलीसर्विसेज का एजीआर 2.31 प्रतिशत बढ़कर 677 करोड़ रुपये और एमटीएनएल का एजीआर 6.04 प्रतिशत घटकर 147 करोड़ रुपये रहा।
ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 की तिमाही में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का सकल राजस्व सालाना आधार पर 11.74 प्रतिशत बढ़कर 98,250 करोड़ रुपये रहा।
दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के राजस्व में वृद्धि मुख्य रूप से जुलाई, 2024 में मोबाइल सेवाओं की दर में वृद्धि के कारण हुई।
इस कदम से दूरसंचार कंपनियों के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 19.16 प्रतिशत बढ़कर 182.95 रुपये हो गया।
एजीआर पर लगाये गये लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार का संग्रह सालाना 12.46 प्रतिशत बढ़कर 6,340 करोड़ रुपये, जबकि स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क 15.08 प्रतिशत बढ़कर 1,000 करोड़ रुपये हो गया।
भाषा रमण अजय
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