नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) सरकार ने देश के भीतर तरल रूप में सोने के अवैध प्रवाह को रोकने के मकसद से कुछ कोलाइडल बहुमूल्य धातुओं के आयात पर अंकुश लगा दिया है।
कोलाइडल बहुमूल्य धातुएं तरल रूप में फैले सोने या चांदी के नैनो कणों का विलयन होती हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि रासायनिक यौगिकों की आड़ में सोने के आयात को विनियमित करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ आयातक थाईलैंड जैसे देशों से आयात के लिए इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘सीटीएच 2843 श्रेणी के तहत आने वाली वस्तुओं की आयात नीति को तत्काल प्रभाव से ‘मुक्त’ से संशोधित कर ‘अंकुश’ किया जाता है।’’
इस श्रेणी में आने वाले उत्पादों में कोलाइडल कीमती धातुएं, कीमती धातुओं के अकार्बनिक या कार्बनिक यौगिक शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल और विशेष रसायन उद्योग सहित औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए इनके आयात की अनुमति विशेष प्राधिकार के आधार पर दी जाएगी। ऐसा वास्तविक उपयोग के लिए किसी व्यवधान के बगैर घरेलू उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।
डीजीएफटी ने एक अलग अधिसूचना में कहा कि वजन के हिसाब से एक प्रतिशत से अधिक सोने वाले पैलेडियम, रोडियम और इरिडियम मिश्र धातु के आयात पर भी बंदिशें लगा दी गई हैं।
यह उपाय कीमती धातुओं और उनके मिश्र धातुओं को नियंत्रित करने वाली आयात नीति में एकरूपता लाने के लिए प्लैटिनम के आयात पर मौजूदा अंकुश का विस्तार करता है।
अधिकारी ने कहा, ‘इसी के साथ यह नीति एक प्रतिशत से कम सोने वाले मिश्र धातुओं के मुफ्त आयात की अनुमति देकर व्यापार को सुविधाजनक बनाती है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जा और विशेष रसायन उद्योगों समेत औद्योगिक एवं विनिर्माण क्षेत्रों के लिए किसी व्यवधान के बगैर कच्चे माल की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित होती है।’
निदेशालय ने कहा कि यह सुनियोजित दृष्टिकोण व्यापार सुविधा को नियामकीय निगरानी की जरूरत के साथ संतुलित करता है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान सोने का आयात 3.82 प्रतिशत घटकर 5.64 अरब डॉलर रह गया।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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