लॉस एंजिलिस, 20 जून (एपी) अमेरिका की एक अपीलीय अदालत ने देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आव्रजन संबंधी मामलों में छापेमारी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद लॉस एंजिलिस में तैनात किए गए ‘नेशनल गार्ड’ के सैनिकों पर नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति दे दी।
इस निर्णय ने अधीनस्थ अदालत के न्यायाधीश के इस फैसले पर रोक लगा दी है कि कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम के विरोध के बावजूद सैनिकों को सक्रिय करके ट्रंप ने गैर कानूनी कार्य किया था।
यह 1965 के बाद से पहली बार है जब गवर्नर की अनुमति के बिना किसी राष्ट्रपति ने नेशनल गार्ड को तैनात किया है।
‘नाइंथ यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स’ के तीन न्यायाधीशों के पैनल ने सर्वसम्मति से निष्कर्ष निकाला कि ट्रंप ने गार्ड पर नियंत्रण को संघीय मामला बनाकर अपने अधिकार का संभवतः विधिसम्मत इस्तेमाल किया था।
उसने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति के पास किसी राज्य की सुरक्षा पर नियंत्रण करने की असीमित शक्ति नहीं है लेकिन ट्रंप प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसक घटनाओं का हवाला देते हुए यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं कि ऐसा करने के पीछे उसका तर्क उचित है।
अदालत ने कहा, ‘‘निर्विवादित तथ्य दर्शाते हैं कि नेशनल गार्ड की तैनाती से पहले प्रदर्शनकारियों ने कई संघीय अधिकारियों को निशाना बनाया और अधिकारियों पर कंक्रीट के टुकड़े, बोतलें एवं अन्य वस्तुएं फेंकी। प्रदर्शनकारियों ने संघीय इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया और कम से कम एक संघीय इमारत को बंद करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने एक संघीय वैन पर हमला किया और वैन की खिड़कियों को तोड़ दिया।’’
उसने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाओं को रोकना संघीय सरकार के लिए महत्वपूर्ण है।’’
अदालत ने यह भी कहा कि यदि संघीय सरकार नेशनल गार्ड को तैनात करने से पहले कानून के अनुसार कैलिफोर्निया के गवर्नर को सूचित करने में विफल रही तो भी न्यूसम के पास राष्ट्रपति के आदेश के खिलाफ वीटो इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं था।
इस मामले में कैलिफोर्निया के गवर्नर के कार्यालय और अमेरिका के राष्ट्रपति के आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
एपी सिम्मी मनीषा
मनीषा