नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा)गर्भावस्था के दौरान स्रावित ‘सेक्स हार्मोन’ ने मानव मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी, विशेष रूप से ऐसे व्यवहारों को जन्म देकर जिससे समाजों को फलने-फूलने और विस्तार करने में मदद मिली। यह दावा अनुसंधानकर्ताओं ने अपने हालिया अनुसंधान में किया है।
टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन जैसे ‘सेक्स हार्मोन’ स्टेरॉयड-आधारित होते हैं और प्रजनन और लैंगिकता निर्धारण के लिए विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं के विकास में मदद करते हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल में ‘सेक्स हार्मोन’ का स्राव होता है।
ब्रिटेन स्थित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अनुसंधान सह-लेखक ग्राहम बर्टन ने कहा,‘‘ गर्भनाल गर्भावस्था की अवधि और भ्रूण को पोषक तत्वों की आपूर्ति को नियंत्रित करती है, जो दोनों ही हमारी प्रजाति के विशिष्ट बड़े मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन अन्य वनमानुष की प्रजातियों की तुलना में मानव गर्भनाल का लाभ पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।’’
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता और अनुसंधान पत्र के प्रमुख लेखक एलेक्स त्सोम्पानिडिस के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान सेक्स हार्मोन के स्तर से शिशुओं के प्रारंभिक विकास, जिसमें ऑटिज्म की आशंका भी शामिल है, का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, जिससे टीम को यह जांचने के लिए प्रेरित किया कि हार्मोन मानव विकास को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
‘इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान पत्र में लेखकों ने दलील दी कि गर्भावस्था के दौरान गर्भ में सेक्स हार्मोन के उच्च स्तर और गर्भनाल के स्वाभाविक रूप से बेहतर कार्य के कारण मानव मस्तिष्क बड़ा और अधिक परस्पर जुड़ा हुआ हो सकता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इसके साथ ही, टेस्टोस्टेरोन सहित पुरुष सेक्स हार्मोन के निम्न स्तर से एस्ट्रोजेन्स की तुलना में पुरुषों के बीच प्रतिस्पर्धा कम हुई और महिलाओं में प्रजनन क्षमता में भी सुधार हुआ, जिससे मनुष्यों को बड़े, अधिक एकजुट सामाजिक समूह बनाने में मदद मिली।
अनुसंधान पत्र के वरिष्ठ सह- लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से संबंद्ध ऑटिज्म अनुसंधान केंद्र के निदेशक साइमन बैरन-कोहेन ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान मां में उत्पन्न सेक्स हार्मोन मानव आबादी में ‘न्यूरोडायवर्सिटी’ (इसका अभिप्राय है कि तंत्रिका संबंधी अंतर मानव मस्तिष्क के कार्य में सामान्य भिन्नताएं हैं, न कि दोष या विकार)के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
बैरन-कोहेन ने कहा कि अनुसंधानपत्र में विचार व्यक्त किया गया है कि इन हार्मोन ने मानव मस्तिष्क के विकास को भी प्रभावित किया होगा।
त्सोम्पानिडिस ने कहा, ‘‘ हमारी परिकल्पना गर्भावस्था को एक प्रजाति के रूप में हमारे विमर्श के केंद्र में रखती है। मानव मस्तिष्क उल्लेखनीय और अद्वितीय है, लेकिन यह शून्य में विकसित नहीं होता।’’
अनुसंधान पत्र के मुख्य लेखक ने कहा, ‘‘ गर्भनाल में अनुकूलन और जिस तरह से यह सेक्स स्टेरॉयड हार्मोन का स्राव करता है, वह हमारे मस्तिष्क के विकास और संज्ञानात्मक और सामाजिक लक्षणों के उद्भव के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो हमें मानव बनाते हैं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘(हम) मानव मस्तिष्क के उद्भव और विकास को समझने के लिए एक नई परिकल्पना प्रस्तुत करते हैं, जो सेक्स स्टेरॉयड हार्मोन की भूमिका, गर्भनाल द्वारा उनके जन्मपूर्व उत्पादन और शरीरक्रिया विज्ञान, प्रजनन क्षमता और संज्ञान को विनियमित करने में उनकी भूमिका को रेखांकित करती है।’’
भाषा धीरज नरेश
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