नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) विभिन्न देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का लाभ उठाने के लिए घरेलू निर्यातक बड़ी संख्या में मूलस्थान का तरजीही प्रमाणपत्र हासिल कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए तरजीही प्रमाणपत्रों में उछाल देखने को मिला है।
ये प्रमाणपत्र निर्यातकों को एफटीए के तहत सीमा शुल्क लाभ का दावा करने में मदद करते हैं, जिससे भारतीय उत्पादों की वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ती है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया और यूएई के लिए जारी किए गए मूलस्थान के तरजीही प्रमाणपत्रों में क्रमशः 19 प्रतिशत और 24.7 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐसे 77,234 प्रमाणपत्र जारी किए गए जबकि 2023-24 में 64,864 प्रमाणपत्र जारी किए गए थे।
वहीं यूएई के लिए 2023-24 में 98,104 प्रमाणपत्र जारी किए गए थे जो 2024-25 में बढ़कर 122,036 हो गई।
कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 7,20,996 मूलस्थान के प्रमाणपत्र जारी किए गए, जबकि 2023-24 में यह संख्या 6,84,724 थी।
यह वृद्धि एफटीए भागीदारों के बीच मजबूत व्यापार संबंधों और भारतीय निर्यातकों के बीच इन समझौतों के लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाती है।
अधिकारियों ने कहा कि बढ़ी हुई पहुंच और प्रक्रियाओं में स्पष्टता के कारण एफटीए का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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