नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों एवं बाजार की मजबूती बनाए रखने के लिए शुक्रवार को प्रतिभूति बाजारों में कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का प्रस्ताव रखा।
इसके साथ ही, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि प्रतिभूति बाजार में एआई एवं एमएल के ऐसे उपयोग पर ‘नियामकीय रूप से हल्का’ ढांचा अपनाया जा सकता है, जो वाणिज्यिक संचालन से इतर सीधे ग्राहकों को प्रभावित करने वाले किसी अन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है।
सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘प्रस्तावित मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य निवेशक सुरक्षा, बाजार अखंडता और वित्तीय स्थिरता की रक्षा के लिए प्रतिभूति बाजारों में एआई/ एमएल-आधारित अनुप्रयोगों के एकीकरण से जुड़े लाभों को अनुकूलित करना और संभावित जोखिमों को कम करना है।’
फिलहाल बाजार सहभागी एआई/ एमएल का उपयोग मुख्य रूप से सलाहकार एवं सहायता सेवाओं, जोखिम प्रबंधन, ग्राहक पहचान और निगरानी, रुझान की पहचान, आंतरिक अनुपालन उद्देश्यों और साइबर सुरक्षा के लिए कर रहे हैं।
सेबी ने कहा, ‘जहां एआई/ एमएल में उत्पादकता, दक्षता और परिणाम में सुधार करने की क्षमता है, वहीं इन प्रणालियों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका उपयोग कुछ ऐसे जोखिम पैदा करता है जो वित्तीय बाजारों की दक्षता पर प्रभाव डाल सकते हैं और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।’
सेबी की तरफ से बनाए गए कार्य समूह ने एआई और एमएल के संबंध में भारत और वैश्विक स्तर पर मौजूद दिशानिर्देशों का अध्ययन करने के बाद इन मार्गदर्शक सिद्धांतों का सुझाव दिया है।
सेबी ने इन प्रस्तावों पर 11 जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण