उधमपुर, 20 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस बात का सबूत है कि नया भारत दृढ़ निश्चयी है और अब आतंकवाद का शिकार नहीं होगा।
सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर उधमपुर पहुंचे। वह शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उधमपुर छावनी में सशस्त्र बलों के जवानों से बातचीत करेंगे।
सिंह ने यहां उत्तरी कमान मुख्यालय में सैनिकों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर इस बात का सबूत है कि नया भारत दृढ़ निश्चयी है और अब आतंकवाद का शिकार नहीं होगा। यह ताकत और रणनीति के साथ जवाब देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अगर उसकी एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाया गया तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह बस एक विराम है। मैं अपने पड़ोसी देश को यह बताना चाहता हूं।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत की नीति में बदलाव देश के सैनिकों की अद्वितीय वीरता और समर्पण का परिणाम है। इस अवसर पर उनके साथ सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, उत्तरी कमान के जीओसी-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
सिंह ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों की सटीकता, समन्वय और साहस की सराहना की और कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत की नीति में बदलाव उनकी अद्वितीय वीरता और समर्पण का परिणाम है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि सीमा पार के आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के लिए एक चेतावनी बताया।
सिंह ने सैनिक के जीवन को साहस और बलिदान से भरा जीवन बताते हुए कहा कि राष्ट्र सदैव मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सशस्त्र बलों द्वारा दी गई सेवाओं का ऋणी रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित सामूहिक भोज ‘बड़ाखाना’ में रक्षामंत्री ने सैनिकों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया तथा जीवन में शक्ति और स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया।
सिंह ने कहा, ‘‘यदि आप मजबूत हैं, तो हमारी सीमाएं मजबूत होंगी। जब सीमाएं मजबूत होंगी, तो भारत मजबूत होगा।’’
इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
भाषा धीरज माधव
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