बलिया, 20 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के बलिया जिला प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर वाराणसी पुलिस से बांसडीह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौर की मौत की जांच करने का अनुरोध किया है।
डॉ. मौर की मौत के बाद जिले भर के डॉक्टरों ने अपना कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया था।
डॉ. मौर को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 16 जून को वाराणसी जिला जेल में उनकी मौत हो गई थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने पुष्टि की कि बलिया के जिलाधिकारी (डीएम) ने इस मामले में स्वतंत्र जांच का आग्रह किया है।
मामले में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को वाराणसी के पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट को पत्र भेज कर प्रकरण की अपने स्तर से जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई कराने का अनुरोध किया है।
इस बीच, जिला प्रशासन और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के हस्तक्षेप के बाद जिले भर के डॉक्टरों ने अपना कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया और शुक्रवार को ड्यूटी पर लौट आए।
उन्होंने कहा कि डॉ. मौर की पत्नी प्रियंका मौर ने पति की मौत के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है और दावा किया है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।
डॉ. मौर को 12 जून को 20,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने पहले उनकी मौत को ‘पूर्व नियोजित हत्या’ करार दिया था और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।
भाषा
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