कोलकाता, 20 जून (भाषा) दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में शुक्रवार शाम उस समय तनाव फैल गया जब भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और लंदन के डॉक्टर रजतशुभ्र बंदोपाध्याय को सड़क किनारे हुई एक संक्षिप्त बातचीत के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
केंद्रीय मंत्री मजूमदार और ब्रिटिश पासपोर्ट धारक बंदोपाध्याय को हिरासत में लिए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। बंदोपाध्याय मूल रूप से दक्षिण कोलकाता से ताल्लुक रखते हैं।
हालांकि, कुछ घंटे की हिरासत के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया।
डॉक्टर बंदोपाध्याय हाल में लंदन के केलॉग कॉलेज में एक व्याख्यान के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल करके चर्चा में आए थे। इस कार्यक्रम में बंदोपाध्याय की टिप्पणियों के कारण कथित तौर पर व्यवधान उत्पन्न हुआ था।
भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से तीखे सवाल पूछने के कारण ही बंदोपाध्याय को हिरासत में लिया गया।
रिहाई के बाद मजूमदार ने आरोप लगाया कि उन्हें मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के इशारे पर ‘‘गिरफ्तार’’ किया गया और पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है।
मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे अपनी गिरफ्तारी के पीछे का कारण नहीं पता। मैं (गिरफ्तारी के खिलाफ) अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखूंगा। मैं जानना चाहता हूं कि एक तृणमूल सांसद के आवास के बगल वाली सड़क पर इतनी सुरक्षा रखने की क्या जरूरत है, जो किसी आधिकारिक पद पर नहीं है। उस क्षेत्र में मेरी आवाजाही पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?’’
इससे पहले दिन में, केंद्रीय राज्य मंत्री मजूमदार पुलिस प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘पश्चिमबंग दिवस’ (पश्चिम बंगाल दिवस) मनाने के लिए मोटरसाइकिल पर सवार होकर भवानीपुर पहुंचे।
उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर बंदोपाध्याय से मिलने के लिए हरीश मुखर्जी रोड पर स्थित उनके आवास की तरफ बढ़े।
जैसे ही मजूमदार का काफिला इलाके के पास पहुंचा, पुलिस अधिकारियों ने उसे रोक लिया और दावा किया कि डॉक्टर घर पर नहीं हैं।
हालांकि, इसके तुरंत बाद भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बंदोपाध्याय को उनके आवास पर दिखाया गया, जिससे आसपास जमा पार्टी समर्थकों में गुस्सा भड़क गया। तनाव तब और बढ़ गया जब भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है और राज्य सरकार ‘‘पुलिस का इस्तेमाल करके राजनीतिक मुलाकातों पर भी रोक लगाना चाहती है।’’
पूरे घटनाक्रम के बीच, बंदोपाध्याय अपने आवास से बाहर आए और सड़क पर मजूमदार से मिले।
दोनों के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई, तभी मजूमदार और बंदोपाध्याय दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस वाहन से सीधे लालबाजार स्थित शहर के पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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