बेंगलुरु, 20 जून (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए कोटा को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का उनकी सरकार का फैसला केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
सिद्धरमैया ने भाजपा की आलोचना को ‘‘पाखंडपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’’ करार दिया और कहा कि उनकी सरकार विपक्षी पार्टी द्वारा फैलाई जा रही ‘‘नफरत और विभाजन की राजनीति’’ को खारिज करती है।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्य में विभिन्न आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यकों के लिए कोटा को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का फैसला किया।
इस कदम की विपक्षी दल भाजपा ने आलोचना की और इसे ‘‘असंवैधानिक तथा तुष्टीकरण’’ बताया।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, राज्य द्वारा संचालित आवास योजनाओं के तहत अल्पसंख्यक लाभार्थियों के लिए कोटा बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी है, जिनमें ईसाई, जैन, मुस्लिम आदि शामिल हैं।’’
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि यह अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम (2019) पर आधारित है, जिसमें सभी केंद्रीय और राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि जहां भी संभव हो, भौतिक और वित्तीय लक्ष्यों का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित किया जाए।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह दिशा-निर्देश भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है और वर्षों से लागू है। यदि यह असंवैधानिक या तुष्टीकरण है, तो केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इसका पालन करने के लिए क्यों कहा? इसे प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्रीय योजनाओं के तहत क्यों लागू किया जा रहा है?’’
भाषा शफीक नेत्रपाल
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