कोलकाता, 20 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बज बज इलाके में उनके काफिले पर कथित तौर पर हमला किया गया जो बतौर सांसद उनके ‘‘विशेषाधिकार का घोर हनन’’ है।
उन्होंने यह दावा भी किया कि उनकी जान को खतरा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष मजूमदार बृहस्पतिवार को उन पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे, जो बुधवार को बज बज-1 बीडीओ कार्यालय के बाहर हुए हमले में कथित तौर पर घायल हो गए थे।
आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उनके काफिले को घेर लिया, नारे लगाए और पथराव किया।
लोकसभा की कार्यवाही के संचालन की प्रक्रिया संबंधी नियम 222 के तहत अध्यक्ष को लिखे पत्र में बालुरघाट से सांसद मजूमदार ने ‘हमले’ को न केवल अपने जीवन के लिए बल्कि उनके साथ आए लोगों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बताया।
उन्होंने कहा कि कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं वाली भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया और हिंसक हमला किया, वाहनों को नुकसान पहुंचाया और कई लोगों को घायल कर दिया।
पत्र में कहा गया है, ‘‘हमले से मेरी और वहां मौजूद लोगों की जान को सीधा और गंभीर खतरा पैदा हो गया।’’
मजूमदार ने शाह को शुक्रवार शाम को लिखे एक अन्य पत्र में उनका ध्यान पश्चिम बंगाल, विशेषकर डायमंड हार्बर क्षेत्र में ‘‘कानून-व्यवस्था की अत्यधिक चिंताजनक और बिगड़ती स्थिति’’ की ओर आकर्षित किया, जहां निर्वाचित प्रतिनिधियों व पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर लगातार राजनीतिक हिंसा की जा रही है।
मजूमदार ने पत्र में कहा, “19 जून को, जब मैं पहले हुए हमलों के पीड़ितों से मिलने और जमीनी हालात का आकलन करने के लिए आधिकारिक यात्रा पर गया था, तो मेरे काफिले पर हिंसक भीड़ ने हमला किया, जिसमें कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ता शामिल थे। पथराव किया गया, वाहनों में तोड़फोड़ की गई और मेरे साथ आए कई लोग घायल हो गए। इस हमले से मेरी और मेरे साथियों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया।”
भाजपा नेता ने कहा कि कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं वाली भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया और हिंसक हमला किया, वाहनों को नुकसान पहुंचाया और कई लोगों को घायल कर दिया।
भाजपा नेता ने पत्र में कहा, “हमले से मेरी और वहां मौजूद लोगों की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।”
उन्होंने कहा, “यह न केवल कानून-व्यवस्था का पतन है बल्कि एक केंद्रीय मंत्री, एक सांसद की गरिमा और सुरक्षा पर भी सीधा हमला है।”
मजूमदार ने कहा कि डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक राहुल गोस्वामी मौके पर मौजूद थे, लेकिन ‘‘कोई भी रोकथाम या सुरक्षात्मक कार्रवाई करने में विफल रहे।
उन्होंने बिरला से आग्रह किया कि इस मामले को सदन की अवमानना माना जाए और विशेषाधिकार समिति के पास उचित कार्रवाई के लिए भेजा जाए।
भाषा जितेंद्र शफीक
शफीक