ठाणे, 21 जून (भाषा) महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने शिवसेना नेता मोहन राउत की हत्या के 11 साल पुराने मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश ए एन सिरसीकर ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया, लेकिन महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (एमसीओसी अधिनियम) और शस्त्र अधिनियम से संबंधित आरोपों को खारिज कर दिया।
अदालत ने 18 जून को अपना फैसला सुनाया जिसकी प्रति शनिवार को उपलब्ध करायी गयी।
अदालत ने इस मामले में तीन अन्य को बरी कर दिया।
अदालत ने चंद्रकांत उर्फ पिंट्या बलराम म्हस्कर (39), गंगाराम उर्फ गंग्या आत्माराम लिंगे (44), योगेश नारायण राउत (45) और अजय उर्फ अजय गजानन गुरव (37) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें तीन महीने का कठोर कारावास काटना होगा।
शिवसेना की बदलापुर शहर इकाई के उपप्रमुख मोहन राउत की 23 मई, 2014 की रात उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें पहले धन्वंतरि अस्पताल और बाद में डोंबिवली के एआईएमएस अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
न्यायाधीश ने मकोका के तहत आरोपियों के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संगठित अपराध गिरोह की बात साबित नहीं हो पायी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ यह अपराध नृशंस तरीके से किया गया लेकिन मेरी राय में इसे दुर्लभतम मामला नहीं कहा जा सकता है।’’
अदालत ने अपर्याप्त सबूतों के कारण नीलेश उर्फ नित्या बापू जाधव (38), प्रवीण परशुराम मोर्गे (44) और रमेश बबन मस्ने (43) को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
भाषा
राजकुमार अविनाश
अविनाश