(फाइल फोटो के साथ)
अनंतनाग, 21 जून (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने में अत्यधिक देरी हुई, तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
फारूक अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव के बाद लोग चाहते थे कि उनके मुद्दों का तुरंत समाधान हो, लेकिन राज्य का दर्जा (बहाल न किया जाना) हमें ऐसा करने से रोक रहा है। लोगों की कई मांगें हैं जैसे कि वे चाहते हैं कि वह (नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अल्ताफ कालू) मंत्री बनें, लेकिन जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, यह कैसे संभव है? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अगर वे (केंद्र) लंबा समय लेंगे, तो हमारे पास उच्चतम न्यायालय जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि जब राज्य का दर्जा बहाल होगा, तो हमें सभी अधिकार मिलेंगे।’’
इजराइल-ईरान संघर्ष को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि वह अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह दोनों देशों को युद्ध रोकने की सदबुद्धि प्रदान करें।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं दुआ करता हूं कि अल्लाह इजराइल और ईरान दोनों को सद्बुद्धि दे और (डोनाल्ड) ट्रंप को भी सद्बुद्धि प्रदान करे, ताकि वह युद्ध की नहीं शांति की बात करें। मुद्दों का समाधान केवल शांतिपूर्ण तरीके से ही हो सकता है और शांति के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।’’
इससे पहले, अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया।
अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमलावर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों और ड्रोन जैसी तकनीकों की मौजूदगी के बावजूद बैसरन तक पहुंचने और हमला करने में कामयाब रहे।
अब्दुल्ला ने सवाल किया, ‘‘उन्होंने (केंद्र ने) कहा कि हमने यहां आतंकवाद को खत्म कर दिया है, फिर वे (पहलगाम के हमलावर) कहां से आए? हमारे पास इतने सारे बल, इतने सारे ड्रोन आदि हैं। वे चार (हमलावर) कहां से आए?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी तक पहलगाम के हमलावरों को नहीं ढूंढ पाए हैं। हम कहते हैं कि हम अब एक शक्तिशाली राष्ट्र हैं और हमारा कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन हम उन चारों को नहीं ढूंढ पाए हैं।’’
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गये, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
भाषा रवि कांत दिलीप
दिलीप