अहमदाबाद, 21 जून (भाषा) अहमदाबाद विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले आठ व्यक्तियों के परिवारों से डीएनए जांच के लिए अन्य सगे-संबंधियों का नमूना देने को कहा गया है, क्योंकि एक परिजन द्वारा दिये गए पहले नमूने का मिलान नहीं हो पाया था।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राकेश जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब तक डीएनए मिलान नहीं हो जाता, शव परिजनों को नहीं सौंपा जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘जब लंबे समय तक मिलान नहीं हो पाता है, तो आप किसी अन्य रिश्तेदार से दूसरा नमूना मांग सकते हैं। यदि एक सहोदर भाई या बहन ने नमूना दिया था, तो मृतक के डीएनए से मिलान के लिए दूसरे सहोदर भाई या बहन का नमूना मांगा जाता है।’’
जोशी ने कहा, ‘‘हम आम तौर पर पिता या बेटे/बेटी के नमूने को प्राथमिकता देते हैं। अगर उनके नमूने से मिलान नहीं हो पाता है, तो हम किसी अन्य उपलब्ध सदस्य का नमूना लेते हैं।’’
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में सहोदर भाई या बहन के नमूने का मिलान हो जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कम से कम आठ परिवार हैं, जिनसे लिये पहले नमूने का मिलान नहीं हो पाया है, इसलिए दूसरा नमूना मांगा गया।
शुक्रवार तक 231 मृतकों के डीएनए नमूनों का मिलान किया जा चुका था और 210 शव परिजनों को सौंप दिये गए हैं।
शुक्रवार को जोशी ने कहा था कि चूंकि डीएनए मिलान प्रक्रिया अत्यधिक संवेदनशील है और इसमें कानूनी प्रोटोकॉल शामिल हैं, इसलिए इसे अत्यंत गंभीरता और तेजी से किया जा रहा है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि परिवारों को उनके प्रियजनों के शव जल्दी मिले, न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय, संबंधित संस्थानों, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, राज्य सरकार के स्वास्थ्य और अन्य विभागों तथा विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
अहमदाबाद के मेघाणीनगर में 12 जून को हुई इस दुर्घटना में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में सवार कुल 241 लोग मारे गए थे, जबकि दुर्घटनास्थल पर 29 अन्य लोग भी मारे गए थे।
भाषा सुभाष दिलीप
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