नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पॉक्सो मामले में दोषी ठहराई गई एक महिला को उसके पिता के निधन के मद्देनजर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने महिला की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता दिल्ली के एक अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के तौर पर कार्यरत थी और उसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत 25 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
अदालत ने 18 जून को सुनाए गए आदेश में कहा कि महिला को गंभीर प्रवेशन यौन हमला, उकसावे और मामले की रिपोर्ट नहीं करने के आरोपों में दोषी ठहराया गया है।
न्यायालय, ‘‘मामले की प्रकृति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपीलकर्ता (अपराधी) के पिता की मृत्यु की तिथि सत्यापित की जा चुकी है, अपीलकर्ता को रिहाई की तिथि से दो सप्ताह की अवधि के लिये अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। यह रिहाई इस शर्त पर होगी कि वह 10 हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही रकम की जमानत राशि संबंधित जेल अधीक्षक की संतुष्टि के अनुसार प्रस्तुत करे।’
अदालत ने अन्य शर्तें भी लगाई हैं, जैसे कि दोषी केवल अपने गांव स्थित निवास पर ही जाए, संबंधित थाने में प्रतिदिन हाज़िरी लगाए, अपना मोबाइल नंबर हर समय चालू रखे और दो सप्ताह बाद आत्मसमर्पण करे।
भाषा राखी दिलीप
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