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Sunday, June 22, 2025

उत्तरी रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच का मसौदा साझा करने के आदेश को ‘गैरकानूनी’ बताया

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नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) उत्तरी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने हाल ही में अपने प्रमुख तथा मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त के एक आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया है, जिसमें ट्रेन दुर्घटनाओं की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी करने से पहले मसौदा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।

उत्तरी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) के परिपत्र को भी ‘कानून के विपरीत’ करार दिया है।

संपर्क किए जाने पर सीसीआरएस जनक कुमार गर्ग के कार्यालय ने कहा कि यह निर्देश सबसे पहले 2012 में सभी सीआरएस को जारी किया गया था, जिसमें उनसे पहले तीन दुर्घटनाओं की मसौदा जांच रिपोर्ट साझा करने के लिए कहा गया था, ताकि उन्हें यह समझने में मदद मिल सके कि जांच रिपोर्ट किस प्रारूप में संकलित की जानी चाहिए।

गर्ग के कार्यालय ने कहा, ‘यह आदेश रेलवे अधिनियम 1989 के अनुसार जारी किया गया था।’

सीआरएस नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है और स्वतंत्र रूप से रेल दुर्घटनाओं की जांच करता है।

देश भर में रेल परिचालन को नौ सर्किल में विभाजित किया गया है ताकि प्रत्येक सीआरएस के अधिकार क्षेत्र को परिभाषित किया जा सके, जिसका नेतृत्व एक सीसीआरएस करता है।

यह मामला सीसीआरएस द्वारा जारी एक दशक पुराने परिपत्र से संबंधित है, जिसमें सभी नौ सीआरएस को रेल दुर्घटनाओं की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी करने से पहले मसौदा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।

एक साल पहले दो जून 2024 को पंजाब में सरहिंद जंक्शन और साधुगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच एक मालगाड़ी दूसरी मालगाड़ी से पीछे से टकराने के बाद पटरी से उतर कर और मुख्य यात्री लाइन पर गिर गई थी।

उत्तरी सर्किल के सीआरएस दिनेश चंद देशवाल मामले की जांच कर रहे थे, इस बीच सीसीआरएस ने पांच जुलाई, 2024 को एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्हें सीसीआरएस कार्यालय द्वारा 12 वर्षों से अधिक समय पहले जारी एक प्रक्रिया परिपत्र के अनुसार प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले मसौदा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।

उत्तरी सर्किल के सीआरएस के हालिया पत्र में कहा गया है, ‘इस संबंध में, यह सलाह दी जाती है कि प्रारंभिक रिपोर्ट रेलवे दुर्घटना नियम, 1998 (नियम-3) के तहत वैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त और रेलवे बोर्ड के समक्ष एक साथ प्रस्तुत की गई है।’

पत्र में कहा गया है, ‘चूंकि सीसीआरएस कार्यालय की ओर से जारी प्रक्रिया परिपत्र का उक्त प्रावधान कानून के विपरीत है, इसलिए इसका अनुपालन नहीं किया जा सकता…।”

भाषा जोहेब रंजन

रंजन

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