तिरुवनंतपुरम, 22 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और वाम मोर्चा सरकार के मंत्रियों द्वारा निजी कर्मचारियों की नियुक्ति को रविवार को ‘‘भाई-भतीजावाद का पिनराई मॉडल’’ करार दिया।
चंद्रशेखर ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए दावा किया कि राज्य पीएससी (लोक सेवा आयोग) की रैंक सूची में जगह बनाने वाले योग्य अभ्यर्थियों को नौकरी देने से इनकार किया जा रहा है, जबकि पार्टी के प्रति निष्ठा रखने वालों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया जा रहा है और उनकी आजीवन पेंशन सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि यह सब ऐसे समय हो रहा है जब राज्य अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
चंद्रशेखर ने एक फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘भाई-भतीजावाद का यह तथाकथित ‘पिनराई मॉडल’ बेरोकटोक जारी है, जबकि एक दिवालिया राज्य अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।’’
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) भी भ्रष्ट थी, लेकिन एलडीएफ के नौ साल के शासन में ‘‘यह परिपाटी सभी सीमाएं पार कर गई है।’’
राज्य सरकार, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) या मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की ओर से इन आरोपों पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
चंद्रशेखर ने दावा किया कि एलडीएफ शासन के पहले पांच वर्षों के दौरान 557 लोगों को निजी कर्मी के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा कि पेंशन पाने का पात्र होने के लिए तीन वर्ष की सेवा आवश्यक है, लेकिन इसके लिए ढाई वर्ष की सेवा भी पर्याप्त है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ढाई साल के बाद जब वे इस्तीफा देते हैं, तो उनके पसंदीदा लोगों की नियुक्ति कर दी जाती है, जो करदाताओं द्वारा वित्तपोषित वेतन और पेंशन प्राप्त करते हैं। इनमें से कई लोग एक गारंटीकृत आय के रूप में सरकारी पेंशन प्राप्त करने के बाद अन्य नौकरियों में चले जाते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकारी धन से वित्तपोषित भाई-भतीजावाद का यह केरल मॉडल वर्षों से दोनों राजनीतिक मोर्चों (यूडीएफ और एलडीएफ) द्वारा अपनाया जा रहा है।’’
एक दिन पहले, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख सनी जोसेफ ने आरोप लगाया था कि पेंशन वितरण की आड़ में मंत्रियों के निजी कर्मियों को बड़े पैमाने पर धनराशि का भुगतान किया गया।
भाषा धीरज सुभाष
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