(सौम्या शुक्ला)
नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गोलीबारी की कई घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली पुलिस उन्नत सेंसर और ‘‘हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे’’ लगाने पर काम कर रही है। ये प्रणाली अधिकारियों को तुरंत सतर्क करेगी तथा इससे हमलावरों की पहचान करने और अपराध स्थलों से भागने के लिए प्रयुक्त वाहनों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में ये प्रणाली क्रियान्वयन चरण में है, जिसका उद्देश्य पूरी दिल्ली में निगरानी और त्वरित कार्रवाई को बढ़ाना है।
रणनीतिक स्थानों पर 500 मीटर से एक किलोमीटर के दायरे में गोलीबारी की घटना का पता लगाने में सक्षम सेंसर लगाए जा रहे हैं। गोली चलने की आवाज का पता चलते ही सेंसर पास के पैन-टिल्ट-जूम (पीटीजेड) कैमरों को अलर्ट भेज देगा, जिससे कैमरा आवाज की दिशा में घूम जाएगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ये सेंसर नजदीकी पैन-टिल्ट-जूम कैमरे को अलर्ट भेजेंगे, जिसके बाद यह संदिग्ध गोलीबारी के स्थान की ओर घूम जाएगा। इससे हमें घटना, आरोपी और भागने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन की फुटेज प्राप्त हो सकेगी।’’
उन्होंने बताया कि ये प्रणाली ‘फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम’ (एफआरएस) कैमरों और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरों को एकीकृत करेगी। उन्होंने बताया कि एफआरएस लैस कैमरे से जहां वास्तविक समय में संदिग्धों की पहचान करने में सहायता मिलेगी, वहीं एएनपीआर कैमरे से वाहन नंबर प्लेट रिकॉर्ड होगा, जिससे भागने के मार्गों का पता लगाने और इसमें शामिल लोगों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।
अधिकारी ने बताया कि यह पूरा नेटवर्क दिल्ली पुलिस मुख्यालय में ‘एकीकृत कमान’, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केंद्र (सी4आई) से जुड़ा होगा। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालयों और स्थानीय पुलिस थानों को भी अलर्ट भेजे जाएंगे।
उन्होंने बताया कि गोलीबारी का पता चलने पर सी4आई का ऑपरेटर अलर्ट की प्रामाणिकता का तुरंत आकलन करेगा। उन्होंने कहा कि पुष्टि होने पर निकटतम पीसीआर यूनिट को बिना किसी देरी के तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के लिए अलर्ट भेजा जाएगा।
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