छत्रपति संभाजीनगर, 22 जून (भाषा) महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के तंदुलवाड़ी क्षेत्र में एक गन्ना खेत में किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज करने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने और विपक्षी दलों द्वारा इसकी आलोचना के बीच एक अधिकारी ने रविवार को स्वीकार किया कि पुलिस की ओर से हल्का बल प्रयोग किया गया था।
पुलिस एक अधिकारी ने ‘हल्के’ लाठीचार्ज की पुष्टि करते हुए दावा किया कि कुछ किसान अपने साथ ज्वलनशील पदार्थ ले जा रहे थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने इस आशंका के चलते हल्का लाठीचार्ज किया कि ज्वलनशील पदार्थ के कारण आग लग सकती थी और मौके पर मौजूद 20-25 लोगों की जान को खतरा हो सकता था।’’
विपक्ष के नेता शिवसेना (उबाठा) अंबादास दानवे ने किसानों की पिटाई करने के वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम इस घटना की निंदा करते हैं। जन-केंद्रित सरकार में इस तरह के कृत्यों की अनुमति कैसे दी जा सकती है?’’
दानवे के पार्टी सहयोगी और उस्मानाबाद के सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर ने कहा कि यह घटना उन्हें ‘रजाकारों’ (हैदराबाद के निजाम के शासनकाल के दौरान पूर्ववर्ती मिलिशिया) की याद दिलाती है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पवनचक्की परियोजनाओं के नाम पर लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। लाठीचार्ज की घटना से लोगों में आक्रोश है।’’
निंबालकर ने दावा किया कि दो कंपनियों में से एक ने पवन चक्कियां स्थापित करने के बाद भूमि मालिकों को मुआवजा नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब गणेश शेरकर नामक किसान ने मुआवजे की मांग की तो उसे उसके ही खेत के गन्ने से बुरी तरह पीटा गया। क्या यह सरकार राज्य के लोगों की है या कंपनियों की? यह तानाशाही है।’’
भाषा धीरज नरेश
नरेश