बालासोर, 22 जून (भाषा) ओडिशा के बालासोर जिले में बाढ़ के पानी में डूब जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाढ़ से राज्य में 50 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, हालांकि रविवार को स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस बाढ़ से चार प्रखंडों में 50,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिले के बलियापाल प्रखंड के बिष्णुपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र का एक युवक शनिवार को बाढ़ में बह गया।
संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘रविवार को तलाशी अभियान के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों ने उसका शव बरामद किया और पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार के सदस्यों को सौंप दिया।’’
उन्होंने बताया कि जिले के कम से कम चार प्रखंड – बलियापाल, भोगराई, बस्ता और जलेश्वर – जलमग्न हैं।
हालांकि, प्रशासन को उम्मीद है कि अब स्थिति में सुधार होगा क्योंकि स्वर्णरेखा का जलस्तर घटने लगा है।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ का पानी गांवों और कृषि क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है तथा स्थिति से उबरने में चार से पांच दिन लग सकते हैं।
राज्य सरकार ने बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की मदद के लिए अग्निशमन सेवा, ओडीआरएएफ और एनडीआरएफ की नौकाओं और टीमों को तैनात किया है।
अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के पानी में गांव की सड़कें डूब जाने के कारण नावें ही अब संचार का एकमात्र साधन बची हैं।
प्रभावित गांवों के कई लोग ऊपरी क्षेत्र में नदी के तटबंधों पर चले गए हैं और तिरपाल के नीचे शरण लिये हुए हैं।
बालासोर के जिलाधिकारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रभावित लोगों को टैंकरों और बोतलों में पीने का पानी वितरित किया जा रहा है।
बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी ने आरोप लगाया कि झारखंड स्थित चांडिल बांध से बिना सूचना दिए अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण बलियापाल, भोगराई, बस्ता और जलेश्वर में बाढ़ आई। उन्होंने इसे ‘आपराधिक लापरवाही’ करार दिया।
विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि उसने भोगराई, बलियापाल और जलेस्वर क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत कार्य और राहत वितरण की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है।
भाषा धीरज नेत्रपाल
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