गुवाहाटी, 23 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि 3,000 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए धुबरी और गोवालपाड़ा में दो भूखंडों की पहचान की गई है और इसकी आधारशिला नवंबर तक रखी जाने की संभावना है।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार कोकराझार जिले के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करने के वास्ते वहां परियोजना स्थापित करने पर विचार कर रही थी, लेकिन इस पर काम आगे बढने की संभावना नहीं लग रही है क्योंकि लोगों के एक वर्ग ने सरकार पर ‘‘आदिवासियों की जमीन छीनने का प्रयास’’ करने का आरोप लगाया है।
शर्मा ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह 3,000 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना हमारे राज्य में आएगी। इस पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और जल्द ही निविदा जारी की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि असम सरकार ने कोकराझार को परियोजना आवंटित करने पर विचार किया था ताकि उसे इस बड़े निवेश का लाभ मिल सके, जिससे रोजगार के एक लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘टाटा समूह की 26,000 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर इकाई जगीरोड में स्थापित की जा रही है। हमने सोचा कि कोकराझार में भी इसी तरह के निवेश की परियोजना आनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम आदिवासी जमीन छीनने के दोषारोपण के साथ इस पर आगे नहीं बढ़ना चाहते।’’
उन्होंने इस संबंध में कुछ वर्गों की आलोचना का जिक्र किया, जिन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार आदिवासी जमीन को कॉरपोरेट घरानों को ‘‘सौंपने की साजिश’’ रच रही है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए धुबरी और गोवालपाड़ा में दो भूखंडों की पहचान की गयी है।
भाषा गोला शोभना
शोभना