मंगलुरु, 23 जून (भाषा) कर्नाटक सरकार ने कथित रिश्वतखोरी के सिलसिले में दक्षिण कन्नड़ के खान और भूविज्ञान विभाग की उपनिदेशक कृष्णवेणी को निलंबित कर दिया है।
कृष्णवेणी को 28 मई, 2025 को लोकायुक्त पुलिस ने कथित रूप से 50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
वाणिज्य और उद्योग विभाग के अवर सचिव (खान-2), एच.एम. मंजुनाथ ने 21 जून को जारी आदेश में कहा कि कृष्णवेणी को विभागीय जांच लंबित रहने तक निलंबित किया गया है और यह आदेश 28 मई से प्रभावी होगा।
इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने बताया था कि कृष्णवेणी को विभाग के चालक मधु के माध्यम से 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। यह रिश्वत उल्लाल तालुक के इरा गांव में 1.39 एकड़ भूमि में से 0.35 एकड़ भूमि को समतल करने की अनुमति देने से संबंधित थी।
कृष्णवेणी ने कथित रूप से अपने कार्यालय के प्रथम श्रेणी सहायक आर प्रदीप कुमार को आवेदक से फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए 50,000रुपये लेने के लिए कहा था।
इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कृष्णवेणी के अलावा प्रदीप कुमार और मधु को भी गिरफ्तार किया था। कृष्णवेणी को 16 जून को जमानत पर मंगलुरु जेल से रिहा किया गया।
इस बीच कृष्णवेणी ने अपने खिलाफ मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए एक रिट याचिका दायर की थी। उन्होंने मामले की जांच पर रोक लगाने और सरकार को उनकी सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्देश देने की अंतरिम राहत भी मांगी थी।
उच्च न्यायालय ने 13 जून को जांच पर रोक लगा दी और सरकार को अगली सुनवाई की तारीख तक सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्देश दिया था।
अपने 21 जून के आदेश में अवर सचिव ने कहा कि अधिकारी को नियमों के अनुसार निलंबित करना एक प्रक्रिया है और यह सेवा शर्तों में कोई ‘बदलाव’ नहीं माना जायेगा।
भाषा इन्दु
राजकुमार
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