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Monday, June 23, 2025

“अमेरिकी हमले के बाद पश्चिम एशिया तनाव बढ़ा, सेंसेक्स 511 अंक गिरा”

Fast News"अमेरिकी हमले के बाद पश्चिम एशिया तनाव बढ़ा, सेंसेक्स 511 अंक गिरा"

(ग्राफिक्स के साथ)

मुंबई, 23 जून (भाषा) ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी बमबारी के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से सोमवार को स्थानीय शेयर बाजार में खासी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 511 अंक फिसल गया जबकि निफ्टी में 140 अंक से अधिक का नुकसान रहा।

विश्लेषकों ने कहा कि ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में अमेरिकी दखल ने पश्चिम एशिया को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), प्रौद्योगिकी एवं वाहन शेयरों में बिकवाली से भी निवेशक धारणा पर असर पड़ा।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव से भरे कारोबार में 511.38 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,896.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 931.41 अंक यानी 1.13 प्रतिशत गिरकर 81,476.76 अंक पर आ गया था लेकिन बाद में इसने अपने कुछ नुकसान की भरपाई की।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी 140.50 अंक यानी 0.56 प्रतिशत गिरकर 24,971.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में एचसीएल टेक, इन्फोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और मारुति में सबसे ज्यादा गिरावट रही।

इसके उलट, ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर बढ़त में रहे।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी दस्तक ने तनाव बढ़ा दिया है जिससे घबराए निवेशकों ने शुरुआती घंटे में जमकर बिकवाली की। अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो हमारा आयात बिल बढ़ेगा और स्थानीय मुद्रा में तेज गिरावट आएगी। इससे महंगाई बढ़ने का भी जोखिम होगा।’’

हालांकि, तापसे ने कहा कि पिछले चार सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की लिवाली करने से अनिश्चितता के दौर में भारत की मजबूत बुनियाद का पता चलता है।

पश्चिम एशिया में संकट गहराने के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.49 प्रतिशत बढ़कर 77.39 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों- फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की है। इससे होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते होने वाले कच्चे तेल कारोबार पर अनिश्चितता का माहौल बन रहा है।

हालांकि, व्यापक बाजार में तेजी का माहौल रहा। छोटी कंपनियों से संबंधित बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.57 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप में 0.20 प्रतिशत की बढ़त रही।

बीएसई में सूचीबद्ध 2,204 कंपनियों के शेयर गिरावट पर रहे जबकि 1,854 शेयरों में तेजी रही और 182 अन्य के भाव अपरिवर्तित रहे।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पिछले शुक्रवार को पश्चिम एशिया में तनाव कम होने की उम्मीद में बाजार में तेजी आई थी। लेकिन सप्ताहांत में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अप्रत्याशित अमेरिकी हवाई हमले ने उन उम्मीदों को तोड़ दिया। इससे कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आया और घरेलू शेयर बाजार सीमित दायरे में रहा।’’

नायर ने कहा कि शुरुआती झटके के बावजूद, पूंजीगत वस्तुओं और धातु शेयरों में बढ़त के कारण बाजार ने अपने नुकसान की कुछ भरपाई की, क्योंकि तेल आपूर्ति में तत्काल किसी व्यवधान की आशंका कम रही।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 7,940.70 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी।

एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नीचे गिरकर बंद हुए, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त में रहे।

यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अधिकांश अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे।

बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 1,046.30 अंक बढ़कर 82,408.17 अंक पर और निफ्टी 319.15 अंक चढ़कर 25,112.40 अंक पर बंद हुआ था।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

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