इंफाल, 23 जून (भाषा) मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के. मेघचंद्र ने सोमवार को कहा कि राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) और अन्य सड़कों पर वाहनों का मुक्त आवागमन बहाल करना जातीय हिंसा-प्रभावित राज्य में शांति प्रक्रिया के लिए आवश्यक है।
मेघचंद्र ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘(केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह ने कहा है कि मणिपुर में शासन की बागडोर जनता द्वारा चुनी गई सरकार को फिर से सौंपने के लिए स्थिति अब भी अनुकूल नहीं है। पिछले 780 दिनों से राज्य में पूरी तरह से मुक्त आवागमन नहीं हो रहा है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि शाह ने इस साल आठ मार्च से राज्य परिवहन बसों को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुक्त आवागमन बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन यह निर्देश लागू नहीं हो सका।
वांगखेम से विधायक ने कहा, ‘‘अगर सरकार राज्य में मुक्त आवागमन बहाल करती है तो यह शांति प्रक्रिया की दिशा में एक कदम होगा।’’ उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय तनाव और प्रतिबंधित आवाजाही के कारण कई समस्याएं बनी हुई हैं।
मई 2023 में कुकी और मेइती समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा के मद्देनजर कुकी संगठनों ने एनएच-2 (इम्फाल से दीमापुर) और एनएच-37 (इंफाल से सिलचर) पर मुक्त आवागमन पर कड़ी आपत्ति जताई है, जो कुकी बहुल इलाकों से होकर गुजरते हैं।
उन्होंने यह भी मांग की कि कुकी समुदाय को अलग प्रशासन दिये जाने तक मुक्त आवागमन की अनुमति नहीं दी जाए।
आठ मार्च को शाह के निर्देश पर मणिपुर सरकार ने कुकी बहुल कांगपोकपी जिले से राज्य परिवहन की एक बस भेजने का प्रयास किया।
हालांकि, इंफाल से रवाना हुई बस के जिले में पहुंचते ही हिंसा भड़क उठी।
कुकी प्रदर्शनकारियों ने वाहन पर हमला कर दिया, जिसके कारण सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए।
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