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Monday, June 23, 2025

‘आप’ ने पंजाब, गुजरात में दो सीट बरकरार रखीं, केरल में यूडीएफ ने वाम मोर्चा से नीलांबुर सीट छीनी

News‘आप’ ने पंजाब, गुजरात में दो सीट बरकरार रखीं, केरल में यूडीएफ ने वाम मोर्चा से नीलांबुर सीट छीनी

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) चार राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के गोपाल इटालिया ने गुजरात की विसावदर सीट पर जीत दर्ज की वहीं उनकी पार्टी ने पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट भी बरकरार रखी, जबकि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से नीलांबुर सीट छीन ली।

वहीं, गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कडी सीट बरकरार रखी, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की कालीगंज विधानसभा सीट पर फिर से जीत दर्ज की।

इन पांचों निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के तहत 19 जून को मतदान हुआ था।

निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किये गए आंकड़ों के अनुसार, ‘आप’ की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष इटालिया ने जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया।

राज्य में अपना लगभग पूर्ण प्रभुत्व रखने के बावजूद, भाजपा 2007 से विसावदर सीट नहीं जीत पाई है। ‘आप’ के तत्कालीन विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के बाद दिसंबर 2023 में यह सीट खाली हो गई थी।

पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। उसके उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु को 10,637 मतों के अंतर से हराया।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अरोड़ा को 35,179 जबकि आशु को 24,542 वोट मिले। भाजपा के जीवन गुप्ता को 20,323 वोट मिले जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के परोपकार सिंह घुम्मण को महज 8,203 वोट ही हासिल हुए।

जनवरी में ‘आप’ विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का निधन हो जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था।

मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उपचुनावों को ‘‘2027 का सेमीफाइनल’’ बताया और कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि मतदाता भाजपा और कांग्रेस दोनों को खारिज कर देंगे।

गुजरात और पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे।

केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया, ‘‘दोनों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ीं। इन दोनों का एक ही मकसद था – आप को हराना। लेकिन लोगों ने दोनों ही जगह इन पार्टियों को नकार दिया।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पार्टी की जीत के लिए लोगों को बधाई देते हुए कहा कि भारी बढ़त के साथ यह जीत स्पष्ट संकेत है कि राज्य के लोग सरकार के काम से ‘‘बेहद खुश’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम पंजाब की प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी ईमानदारी और बिना किसी भेदभाव के दिन-रात काम कर रहे हैं।’’

भाजपा के राजेंद्र चावड़ा ने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित मेहसाणा जिले की कडी सीट पर कांग्रेस के रमेश चावड़ा को 39,452 मतों के अंतर से हराया। यह सीट भाजपा विधायक करसन सोलंकी का फरवरी में निधन हो जाने के कारण रिक्त हुई थी।

कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कडी और विसावदर विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार को झटका लगा क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने नीलांबुर विधानसभा सीट 11,077 मतों के अंतर से उससे छीन ली। कांग्रेस के आर्यदान शौकत ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिवालय सदस्य एम स्वराज को हराया।

यह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले एलडीएफ के लिए पिनराई विजयन सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान चौथा उपचुनावी झटका है। एलडीएफ इससे पहले पुथुपल्ली, पलक्कड़ और थ्रिक्काकारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में भी हार चुका है।

सत्तारूढ़ माकपा ने कहा कि वह जनादेश को स्वीकार करती है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार एलडीएफ ने अपनी मौजूदा सीट अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के हाथों गंवायी है।

नीलांबुर सीट एलडीएफ समर्थित निर्दलीय और दो बार के विधायक पी वी अनवर के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी।

स्वराज ने कहा कि एलडीएफ नतीजों का बारीकी से विश्लेषण करेगा, लेकिन उन्होंने वाम सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होने की बात को खारिज कर दिया।

वहीं, शौकत ने कहा कि इस तरह के नतीजे की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘‘एलडीएफ सरकार के खिलाफ यह एक बड़ी जीत है।’’

इस उपचुनाव ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इसे पिनराई विजयन सरकार के लिए सेमीफाइनल के रूप में देखा गया। यह सरकार के कार्यकाल का चौथा वर्ष है।

यूडीएफ के लिए यह जीत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मनोबल बढ़ाने वाली होगी।

पश्चिम बंगाल में, कालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलीफा अहमद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार आशीष घोष को 50,049 मतों के भारी अंतर से हराया। अलीफा अहमद ने अपने पिता नसीरुद्दीन अहमद के 2021 के जीत के अंतर को बेहतर किया, जिनका इस साल फरवरी में निधन होने के कारण यह सीट खाली हुई थी।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, अंतिम 23वें चक्र की मतगणना के बाद अलीफा को 1,02,759 वोट मिले, जबकि घोष को 52,710 वोट मिले।

वाम दलों द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख 28,348 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

अलीफा (38) पेशे से इंजीनियर हैं और राजनीति में कदम रखने के लिए कोलकाता की एक आईटी फर्म में अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ दी। अलीफा ने अपनी जीत का श्रेय ‘‘लोगों के प्यार’’ को दिया और ‘‘ममता बनर्जी की विकास की राजनीति में विश्वास जताने’’ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्षेत्र के सभी धर्मों, जातियों, नस्लों और पेशे के लोगों ने कालीगंज विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करके हमें अपार आशीर्वाद दिया है। मैं विनम्रतापूर्वक उनके प्रति आभार व्यक्त करती हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस जीत के मुख्य सूत्रधार ‘मां, माटी और मानुष’ हैं। कालीगंज के मेरे साथियों ने इसके लिए अथक परिश्रम किया है। मैं उन्हें भी हार्दिक बधाई देती हूं।’’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

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