नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने जाली मुद्रा मामले में पेश न होने के कारण गिरफ्तार एक व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह (आरोपी) कोविड-19 प्रतिबंध लागू होने के समय अपने गांव में था।
आरोपी प्रमोद कुमार साहनी को पहली बार नवंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था और फरवरी 2018 में जमानत पर रिहा किया गया था।
इसके बाद, एक दिहाड़ी मजदूर होने के नाते, साहनी कोविड-19 प्रतिबंध लागू होने पर अपने गांव चला गया और मामले में पेश नहीं हुआ।
आरोपी को पिछले वर्ष मई में “भगोड़ा अपराधी” घोषित कर गिरफ्तार कर लिया गया।
न्यायाधीश किरण गुप्ता ने 21 जून को आरोपी को रिहा करते हुए कहा कि वह 19 सितंबर 2024 से न्यायिक हिरासत में है।
अदालत ने कहा, “आरोपों की प्रकृति और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक 19 सितंबर 2024 (पुनः गिरफ्तारी के बाद) से न्यायिक हिरासत में है, आवेदक को जमानत पर रिहा किया जाए।”
भाषा
प्रशांत सुरेश
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