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Tuesday, June 24, 2025

कालीगंज में सबसे ज्यादा हिंदू मत मिले, बंगाल में हिंदुत्व चेतना बढ़ रही है: भाजपा

Newsकालीगंज में सबसे ज्यादा हिंदू मत मिले, बंगाल में हिंदुत्व चेतना बढ़ रही है: भाजपा

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में मिली हार से हतोत्साहित हुए बिना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को दावा किया कि बढ़ती ‘‘हिंदुत्व चेतना’’ और मुर्शिदाबाद दंगों के खिलाफ मिली प्रतिक्रिया के कारण पार्टी को निर्वाचन क्षेत्र में अब तक सबसे अधिक हिंदू मत मिले हैं।

बंगाल में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे का खंडन किया कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को ‘‘सभी धर्मों और जातियों के लोगों का समर्थन’’ मिला है।

कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में तृणमल की उम्मीदवार अलीफा अहमद उम्मीदवार को जीत मिली है।

मालवीय ने कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि ममता बनर्जी की तृणमूल मुसलमानों, बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों और कट्टरपंथी तत्वों के बंधुआ वोट बैंक पर जीवित है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल की सुप्रीमो एक और झूठ फैला रही हैं।

मालवीय ने कहा कि राज्य में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव कोई उपचुनाव नहीं बल्कि एक ‘‘पूर्ण क्रांति’’ होगी।

मालवीय ने कहा कि कालीगंज में 43 प्रतिशत मतदाता हिंदू हैं और बाकी मुसलमान हैं। उन्होंने मतदान के रुझान का हवाला देते हुए दावा किया कि वर्ष 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिंदू मतों का हिस्सा 70 प्रतिशत, लोकसभा चुनाव (2024) में 72 प्रतिशत और इस बार 74 प्रतिशत से अधिक है और यह अब तक का सबसे अधिक है।

भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख मालवीय ने कालीगंज में हुए बम विस्फोट में एक लड़की तमन्ना की मौत को लेकर भी बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि उपचुनाव में तृणमूल की जीत के जश्न के दौरान बम फेंके गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी की हिंसक, वोट बैंक से प्रेरित राजनीति की यही कीमत है। पश्चिम बंगाल में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है।’’

मालवीय ने कहा कि बनर्जी के राज्य का गृह विभाग भी संभाल रही हैं, लेकिन वह प्रशासक के रूप में बुरी तरह विफल रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सबसे बुरी बात यह है कि वह अपने मुस्लिम वोट बैंक को ध्रुवीकृत करने और उसे बनाए रखने के लिए कट्टरपंथी राजनीति को हवा देती है और इसकी कीमत तमन्ना जैसे मासूम बच्चों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। यह शासन नहीं है। यह आपराधिक लापरवाही है।’’

भाषा

प्रीति प्रशांत

प्रशांत

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