अहमदाबाद, 23 जून (भाषा) एअर इंडिया विमान दुर्घटना के शिकार लोगों के शव इतने जल चुके थे कि उनकी पहचान करना मुश्किल था, ऐसे में पूर्व में सर्जरी करा चुके लोगों के शरीर में धातु की रॉड जैसी विशेषताएं पहचान प्रक्रिया में अहम साबित हुईं। यह जानकारी एक स्थानीय विधायक ने सोमवार को दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक डॉ मनसुख पटेल शवों में ‘टैग’ लगाने में शामिल थे।
वह अहमदाबाद सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम खंड में पहुंचने वाले शुरुआती विधायकों में से एक थे। इस पोस्टमार्टम खंड में 12 जून को हुई दुर्घटना के बाद शव लाए गए थे। विमान हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी।
पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट था कि पीड़ितों की पहचान करना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा, ‘(भाजपा) विधायकों को पार्टी की ओर से दुर्घटनास्थल पर पहुंचने का संदेश मिला था, लेकिन वहां अफरा-तफरी मची हुई थी। मैंने सिविल अस्पताल को फोन किया तो बताया गया कि शव वहां लाए जा रहे हैं।’
वर्षों से निजी प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर पटेल ने बताया कि जब तक वह अस्पताल पहुंचे, तब तक सात से आठ शव पोस्टमार्टम कक्ष में लाए जा चुके थे और वे पूरी तरह से जले हुए थे।
अमराईवाडी से विधायक ने कहा कि कुछ शव इस हद तक जल गए थे कि उनके कुछ अंग बाहर निकल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘हमने शव लाए जाने के क्रम के अनुसार उन पर टेप लगाना शुरू किया। जहां भी संभव हो, शरीर के अंगों पर कपास की टेप से टैग लगाए गए।’
सामान्य परिस्थितियों में, पीड़ितों की पहचान उनके बालों और आभूषणों जैसी चीज़ों के माध्यम से कर ली जाती है।
विधायक ने कहा कि हालांकि, दुर्घटना के समय विमान का तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया था, इसलिए इससे भी कोई खास मदद नहीं मिली।
पटेल ने कहा, ‘हमने जल्दी ही पाया कि भले ही कुछ शव बुरी तरह जले हुए थे, लेकिन हम यह समझ पाए कि कुछ पीड़ितों के घुटने की सर्जरी हुई थी और कुछ के शरीर में चिकित्सकीय कारणों से (सर्जिकल) प्लेटें, रॉड डाली गई थीं। हमने टैग के साथ इन चीजों को नोट कर लिया।’
भाजपा ने पटेल को शवों की पहचान करने तथा डीएनए मिलान के लिए नमूने देने में रिश्तेदारों की सहायता के लिए नियुक्त किया था।
उन्होंने कहा कि इस तरह की शारीरिक विशेषताओं वाले शवों को अलग कर दिया गया और जब रिश्तेदार आने लगे, तो उनसे पीड़ितों के बारे में बुनियादी जानकारी मांगी गई।
विधायक के मुताबिक, शवों पर टैग लगाते समय दर्ज की गई जानकारी से कुछ पीड़ितों के डीएनए का मिलान करने में मदद मिली, जिससे प्रक्रिया आसान हुई।
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि 12 जून को हुए भयावह अहमदाबाद विमान हादसे के 251 पीड़ितों की डीएनए परीक्षण के जरिए अब तक पहचान हो चुकी है और 245 शव परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 12 जून की दोपहर को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लंदन जाने वाला एअर इंडिया का विमान मेघाणीनगर क्षेत्र में एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों सहित 270 लोगों की मौत हो गई।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश