नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) भारतीय उद्योग जगत का पिछले आठ साल में माल और सेवा कर (जीएसटी) के साथ कुल मिलाकर सकारात्मक अनुभव रहा है।
डेलॉयट इंडिया के एक सर्वेक्षण में सोमवार को कहा गया कि नयी कर व्यवस्था ने अनुपालन को सरल बनाया है और व्यापार वृद्धि का समर्थन किया है।
सर्वेक्षण में साथ ही कहा गया कि नियमों में स्पष्टता और बेहतर विवाद समाधान प्रणाली की अब भी जरूरत है।
डेलॉयट इंडिया के ‘जीएसटी एट 8’ सर्वेक्षण में विवाद समाधान तंत्र को मजबूत करने, विभिन्न क्षेत्रों में दरों को युक्तिसंगत बनाने और केंद्रीय तथा राज्य कर अधिकारियों के बीच लेखांकन की एकरूपता सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया गया।
आठ प्रमुख उद्योगों के वरिष्ठ कॉरपोरेट अधिकारियों से मिली 963 प्रतिक्रियाओं के आधार पर, सर्वेक्षण में कहा गया कि निर्यात नियमों को उदार बनाने, पूरी आपूर्ति श्रृंखला के लिए जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और कार्यशील पूंजी उपायों को खोलने की जरूरत है।
सर्वेक्षण में कहा गया कि जीएसटी के तहत रिफंड प्राप्त करने, नए जमाने के व्यापार मॉडल की सीमित समझ और अधिकारियों द्वारा राजस्व समर्थक कानूनी व्याख्याओं को लेकर चुनौतियां बनी हुईं हैं।
डेलॉयट इंडिया के अध्यक्ष (कर) गोकुल चौधरी ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि जीएसटी में भरोसा 2022 में 59 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 85 प्रतिशत हो गया है, जो बेहतर अनुपालन, डिजिटलीकरण और नीति-निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी का नतीजा है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय