उडुपी (कर्नाटक), 23 जून (भाषा) उडुपी में एक वरिष्ठ नर्स को सोमवार को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 13.49 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, क्योंकि उसे हेपेटाइटिस सी के गलत निदान के कारण सऊदी अरब में नौकरी का अवसर खोना पड़ा था।
उडुपी की नर्स शिवकुमार शेट्टीगर (43) को फरवरी में खाड़ी देश में यूनाइटेड मेडिकल रिस्पांस कंपनी में शामिल होना था।
हालांकि प्रस्थान से पहले, मंगलुरु में राष्ट्रीय सीटी स्कैनर और डायग्नोस्टिक सेंटर में की गयी मेडिकल जांच में गलत संकेत दिया गया कि उनमें हेपेटाइटिस सी की पुष्टि हुई है।
यह एक ऐसी स्थिति है जो खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के चिकित्सा मानदंडों के तहत उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करती है।
परिणाम से व्यथित होकर शेट्टीगर ने मणिपाल में एक निजी प्रयोगशाला और उडुपी में जिला सरकारी अस्पताल में परीक्षण कराया, जिनमें हेपेटाइटिस सी की पुष्टि नहीं हुई।
लापरवाही और दोषपूर्ण किट के उपयोग का आरोप लगाते हुए शेट्टीगर ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि प्रयोगशाला की गलती के कारण न केवल उनकी नौकरी चली गई, बल्कि उन्हें भावनात्मक और वित्तीय परेशानी भी उठानी पड़ी।
अदालत के निर्देश के अनुसार, साक्ष्यों की जांच करने और दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने 21 मई, 2025 को शेट्टीगर के पक्ष में फैसला सुनाया।
इसमें डायग्नोस्टिक सेंटर को 45 दिनों के भीतर 13.49 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया गया। भुगतान नहीं करने की स्थिति में छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश