देहरादून, 23 जून (भाषा) केदारनाथ तथा उसके आसपास प्रदूषण के बढ़ते स्तर का मुद्दा उठाते रहने वाले नोएडा स्थित पर्यावरण और सूचना का अधिकार कार्यकर्ता ने सोमवार को हिमालयी धाम तथा उस तक पहुंचने वाली सड़कों पर सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की ।
कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने यह मांग उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन को एक पत्र लिखकर की है ।
पत्र में गुप्ता ने कहा, ‘‘ प्रकृति स्वयंसेवक के रूप में मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि सोनप्रयाग से मंदिर तक के पूरे यात्रा मार्ग, केदारनाथ धाम और उसके आसपास सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री, खपत और कूड़े-कचरे पर सख्त प्रतिबंध लगाने की तत्काल आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केदारनाथ जी न केवल भगवान शिव के सबसे पूजनीय ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं बल्कि वह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जहां सर्वोच्च स्तर की स्वच्छता और आध्यात्मिक पवित्रता की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा आरटीआई से प्राप्त की गयी ताजा सूचना में खुलासा हुआ है कि इस संबंध में कई नियमों के अस्तित्व में होने के बावजूद केदारनाथ जाने वाले मार्गों पर सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पाद खुले आम बेचे जा रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘प्लास्टिक के ‘पाउच’ और जली हुई सिगरेट के टुकड़े इधर-उधर फेंके जा रहे हैं जिससे नाजुक पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और पवित्र परिवेश प्रदूषित हो रहा है ।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे पदार्थ धार्मिक माहौल को बिगाड़ते हैं और अक्सर ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर स्वास्थ्य और अग्नि सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करते हैं।
गुप्ता ने कहा, ‘‘ मैं सम्मानपूर्वक उत्तराखंड सरकार से केदारनाथ क्षेत्र (सोनप्रयाग, गौरीकुंड और यात्रा मार्ग) में गुटखा, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री, उन्हें रखने और उनके उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह करता हूं।’’
भाषा दीप्ति राजकुमार
राजकुमार