सिलचर(असम), 23 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि कछार जिले के डोलू चाय बागान में सोमवार को जन सुनवाई पूरी हो गई है, जहां सरकार ने नया हवाई अड्डा बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने का फैसला किया है।
हालांकि, शर्मा ने सुनवाई के परिणाम का ब्योरा नहीं दिया लेकिन चाय बागान श्रमिकों के प्रतिनिधियों ने डोलू में महत्वाकांक्षी परियोजना का विरोध किया और सरकार से इसे अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की।
शर्मा ने कहा, ‘एक बड़ा कदम आगे। कछार जिले में ग्रीनफील्ड डोलू हवाई अड्डा परियोजना के लिए जन सुनवाई आज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई – बराक घाटी को कनेक्टिविटी और विकास के केंद्र में बदलने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर।’
उन्होंने कहा कि सरकार अब इस क्षेत्र के लिए ‘भव्य दृष्टि’ को साकार करने के एक कदम करीब पहुंच गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सभी हितधारकों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए आभार।’
असम सरकार ने सिलचर में 2,500 बीघा (826.45 एकड़) भूमि पर एक नया हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव किया था, क्योंकि कुंभीरग्राम में मौजूदा हवाई अड्डा एक रक्षा हवाई अड्डा है और हवाई यातायात की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसका विस्तार संभव नहीं है।
असम मोजुरी श्रमिक यूनियन (एएमएसयू) के तत्वावधान में श्रमिकों ने इस घटनाक्रम पर अप्रसन्नता व्यक्त की थी और मांग की थी कि सरकार अधिग्रहित भूमि वापस करे या चाय उत्पादन के लिए उतनी ही भूमि किसी अन्य स्थान पर आवंटित करे।
एएमएसयू, सीटू, एनटीयूआई, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और भारतीय मजदूर संघ जैसे मजदूर संघों ने सिलचर में कछार जिला आयुक्त कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई में भाग लिया।
जन सुनवाई के बारे में जानने के लिए जब एएमएसयू के अरिंदम देब और विश्वजीत दास से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि श्रमिक 2,500 बीघा भूमि बर्बाद करने के खिलाफ हैं,क्योंकि इस भूमि पर 30 लाख चाय के पौधे और हजारों पेड़ हैं।
नवंबर 2022 में, असम सरकार ने ‘सद्भावना के तौर पर’ डोलू चाय बागान में रहने वाले 1,296 परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
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