शिमला, 23 जून (भाषा) भारतीय सेब किसान महासंघ (एएफएफआई) ने सोमवार को कहा कि वह सेब उत्पादकों की मांगों के पक्ष में केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा नौ जुलाई को आहूत राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में भाग लेगा।
एएफएफआई के संयोजक मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि सेब पर आयात शुल्क बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की सेब उत्पादकों की मांग स्वीकार नहीं की गई है।
एएफएफआई और हिमाचल उत्पादक संघ की आम सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में अमेरिकी सेब के आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए आयात शुल्क कम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महासंघ ने सेब पर आयात शुल्क कम करने के खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करने की रूपरेखा तैयार कर ली है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य यूसुफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड प्रमुख सेब उत्पादक राज्य हैं और इन राज्यों के लाखों लोगों की आजीविका सेब की खेती पर निर्भर करती है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने का आश्वासन लागू नहीं किया गया है।
यूसुफ ने यहां पीटीआई वीडियो को बताया कि उर्वरकों, कीटनाशकों और कवकनाशकों की कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है और यहां तक कि सेब के लिए बीमा योजना भी कश्मीर में लागू नहीं की गई है।
बैठक में तीन राज्यों के सेब उत्पादकों ने भाग लिया और अपनी चिंताएं जताईं। सेब पर आयात शुल्क बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना हिमाचल के सेब उत्पादकों की लंबे समय से लंबित मांग है और हर चुनाव में यह एक राजनीतिक मुद्दा भी रही है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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