मुंबई, 23 जून (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने कहा कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आरोपी पुणे का निवासी है।
साइबर पुलिस ने भाजपा नेता योजना थोकले की शिकायत पर धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत संतोष दारेकर (54) के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत काले ने शनिवार को उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत द्वारा दिए गए आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई, जिसमें कहा गया है कि मामले की जांच जारी है और आरोपी ने यह दलील दी कि उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’
दारेकर ने अपनी याचिका में जमानत का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने दारेकर की याचिका का विरोध किया और कहा कि आरोपी ने प्रथम दृष्टया कथित अपराध किया है और उसका मोबाइल फोन (पोस्ट साझा करने के लिए इस्तेमाल किया गया) जब्त किया जाना चाहिए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने माना कि दारेकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई दलील ‘प्रथम दृष्टया उचित’ है।
अदालत ने फैसला सुनाया, ‘‘आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्य, अपराध की प्रकृति और सजा की गंभीरता को देखते हुए, आरोपी को अग्रिम जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता है।’’
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प्रीति सुभाष
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