24 C
Jaipur
Tuesday, June 24, 2025

मराठी भाषा महाराष्ट्र की पहचान है, भाषा विकल्प होनी चाहिए, बाध्यता नहीं: आव्हाड

Newsमराठी भाषा महाराष्ट्र की पहचान है, भाषा विकल्प होनी चाहिए, बाध्यता नहीं: आव्हाड

ठाणे, 23 जून (भाषा) महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को थोपने को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र की पहचान मराठी भाषा से है और लोगों को कोई भी भाषा सीखने के लिए बाध्य करना इसका समाधान नहीं है।

पत्रकारों से बात करते हुए राकांपा (एसपी) के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक दल के नेता आव्हाड ने कहा कि यह विवाद वास्तविक मुद्दों से जानबूझकर ध्यान भटकाने की कोशिश है।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की पहचान इसकी भाषा मराठी में है। कोई भी किसी को कोई भी भाषा सीखने से नहीं रोकता, लेकिन बाध्यता इसका जवाब नहीं है। जब गुजरात, तमिलनाडु या पश्चिम बंगाल में हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, तो महाराष्ट्र में इसे क्यों थोपा जाना चाहिए?’’

भाषा में राजनीति पाखंड की आलोचना करते हुए, अव्हाड ने कहा, ‘‘हम हिंदी की प्रशंसा करते हैं और अंग्रेजी को गाली देते हैं। अंग्रेजी एक वैश्विक भाषा है और अवसरों के द्वार खोलती है। लोगों को वह सीखने दें जो वे सीखना चाहते हैं, लेकिन उसे किसी पर थोपे नहीं।’’

राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने सोमवार को ठाणे शहर में अन्य राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल किया।

अव्हाड ने कहा कि पार्टी अतीत में हुए नेताओं के इस्तीफे पर ध्यान देने के बजाय नए नेतृत्व को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की शिक्षा नए कार्यकर्ताओं और नेताओं को तैयार करना है। हम यही कर रहे हैं और आज की बड़ी संख्या यह साबित करती है कि लोग अभी भी शरद पवार और इस पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में विश्वास करते हैं।’’

भाषा यासिर प्रशांत

प्रशांत

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles