नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) भारत ने सोमवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के प्रभाव में आकर उसके बारे में ‘अनुचित’ और ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ संदर्भ दे रहा है, जिसने आतंकवाद को एक ‘राजकीय कौशल’ के रूप में तब्दील कर दिया है।
भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया तुर्किये में ओआईसी के विदेश मंत्री स्तरीय सम्मेलन के बाद आई है, जिसमें भारतीय मुसलमानों को ‘सामाजिक रूप से हाशिए’ पर धकेलने सहित कई मुद्दों पर नयी दिल्ली की आलोचना की गई।
ओआईसी ने सिंधु जल संधि सहित भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों का सख्ती से पालन करने का आह्वान किया और सभी लंबित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यापक आधार वाली बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारत के बारे में अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत संदर्भों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘आतंकवाद को राजकीय कौशल में तब्दील करने वाले पाकिस्तान के इशारे पर ये बयान संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ओआईसी मंच के निरंतर दुरुपयोग को दर्शाते हैं।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के वास्तविक खतरे को स्वीकार करने में ओआईसी बार-बार विफल रहा है जिसका सबसे हालिया सबूत पहलगाम हमले में देखने को मिला, यह तथ्यों के प्रति ‘जानबूझकर की गई उपेक्षा’ को दर्शाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ओआईसी के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है जिसमें जम्मू और कश्मीर भी शामिल है, जो भारत का अभिन्न और संप्रभु हिस्सा है- एक ऐसा तथ्य जो भारतीय संविधान में निहित है और यह अपरिवर्तनीय है।’’
भाषा संतोष आशीष
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