(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 24 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि साहित्यकारों, भाषा विशेषज्ञों और राजनेताओं सहित सभी पक्षकारों के साथ चर्चा के बाद ही त्रिभाषा फॉर्मूले पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
फडणवीस ने सोमवार देर रात दक्षिण मुंबई स्थित अपने सरकारी आवास पर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे, राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कक्षा एक से पांच तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को हिंदी आमतौर पर तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी।
सरकार ने कहा था कि हिंदी अनिवार्य नहीं होगी, लेकिन हिंदी के अलावा किसी अन्य भारतीय भाषा का अध्ययन करने के लिए स्कूल में प्रत्येक कक्षा में कम से कम 20 छात्रों की सहमति अनिवार्य होगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में नयी शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत त्रिभाषा नीति के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संदर्भ के लिए विभिन्न राज्यों की वास्तविक स्थिति को पेश किया जाएगा और विशेष रूप से मराठी छात्रों के संबंध में शैक्षणिक प्रभाव पर व्यापक प्रस्तुति दी जाएगी।
फडणवीस ने बयान में कहा, ‘‘इस बात पर सहमति बनी कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले विद्वानों, लेखकों, राजनेताओं और अन्य हितधारकों के साथ एक व्यवस्थित परामर्श प्रक्रिया आयोजित की जाए।’’
बैठक के बाद भुसे ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार एनईपी के कार्यान्वयन पर चिंताओं को दूर करने के लिए राजनेताओं और साहित्यकारों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा करेगी।
उन्होंने कहा कि सभी निर्णय छात्रों के हित को सर्वोपरि रखते हुए लिए गए हैं।
भुसे ने कहा कि एनईपी ढांचे के तहत लिए गए पिछले निर्णयों का आकलन करने के लिए सोमवार को एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना