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Wednesday, June 25, 2025

फारूक अब्दुल्ला ने ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष विराम का किया स्वागत, ‘अच्छा कदम’ करार दिया

Newsफारूक अब्दुल्ला ने ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष विराम का किया स्वागत, ‘अच्छा कदम’ करार दिया

श्रीनगर, 24 जून (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष विराम के फैसले का मंगलवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम जारी रहेगा, जिससे निर्दोष लोग न मारे जाएं।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि संघर्ष विराम जल्द से जल्द लागू होना चाहिए क्योंकि युद्ध के कारण ‘‘बड़े पैमाने पर विनाश’’ हुआ है।

फारूक अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दूरू में पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर वास्तव में संघर्ष विराम हुआ है तो मैं ईश्वर का शुक्रगुजार हूं। यह अच्छी बात है। निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि संघर्ष विराम कायम रहे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका ने ईरान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, नेकां प्रमुख ने कहा कि मानवता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है लेकिन अमेरिका पर वैश्विक दबाव था।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है। न ईरान ने और न ही अमेरिका ने। लेकिन मानवता के नाते उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। इससे उनकी अर्थव्यवस्था और बाकी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अमेरिका पर इसे खत्म करने का वैश्विक दबाव था।’’

आगामी तीन जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन करने के बाद सुरक्षित लौटेंगे।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि तीर्थयात्री भोलेनाथ के दर्शन करके खुशी-खुशी अपने घर लौटेंगे और फिर घर जाकर लोगों को बताएंगे कि यहां के लोग कितने अच्छे हैं और भगवान ने इस स्थान को कितनी खूबसूरती से नवाजा है।’’

इजराइल और ईरान से भारतीय छात्रों को निकालने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में युद्ध एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि कई छात्र युद्ध के बीच में फंस गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण उड़ानें संचालित नहीं हो सकतीं, इसलिए कठिनाइयां हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे छात्रों का एक बड़ा समूह आज रात वापस आ जाएगा और हमारी निकासी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।’

उन्होंने कहा, ‘हम जल्द से जल्द युद्ध विराम चाहते हैं। युद्ध शुरू हुए 11 दिन हो चुके हैं और इन दिनों में भारी तबाही हुई है।’

भाषा प्रीति मनीषा

मनीषा

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