हैदराबाद, 24 जून (भाषा) तेलंगाना में पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के शासनकाल के दौरान कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता इटेला राजेंद्र और जी. प्रेमेंद्र रेड्डी ने मंगलवार को पुलिस के सामने गवाही दी।
लोकसभा सदस्य राजेंद्र ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि जब उन्होंने 2021 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा था तो उनके फोन (उन्हें हराने के लिए) टैप किए गए थे।
उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें फोन टैपिंग के सबूत दिखाए।
राजेंद्र ने आरोप लगाया कि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान फोन टैंपिग हुई थी। उन्होंने इस स्थिति की तुलना 1975 में लगाए गए आपातकाल से की।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के साथ उनकी बातचीत भी टैपिंग की गई।
उन्होंने मांग की कि यदि कांग्रेस सरकार में सच्चाई सामने लाने की हिम्मत नहीं है तो वह मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दे।
भाजपा सांसद ने हैरानी जताई कि क्या राज्य सरकार जांच पूरी करने और कार्रवाई करने में ईमानदार है क्योंकि बीआरएस शासन के दौरान बिजली खरीद समझौतों (पीपीए), कालेश्वरम परियोजना और फोन टैपिंग मामले की बहुत धीमी रफ्तार से जांच हो रही है।
राजेंद्र ने फोन टैपिंग को अधिकृत करने वालों को भी सजा देने की मांग की।
इस बीच, भाजपा की तेलंगाना इकाई के महासचिव प्रेमेंद्र रेड्डी ने भी फोन टैपिंग के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं विधान परिषद के सदस्य बी. महेश कुमार गौड़ ने फोन टैपिंग मामले में गवाह के तौर पर पुलिस के समक्ष 17 जून को अपना बयान दिया था।
अधिकारी वर्तमान में कथित फोन टैपिंग मामले में मुख्य आरोपी टी. प्रभाकर राव से पूछताछ कर रहे हैं। वह तेलंगाना की विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) के पूर्व प्रमुख हैं।
राव पर तत्कालीन सत्तारूढ़ दल और उसके नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए एसआईबी के भीतर एक निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के नेतृत्व वाली ‘‘विशेष अभियान टीम’’ गठित करने का आरोप है।
एसआईबी के निलंबित डीएसपी उन चार पुलिस अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें हैदराबाद पुलिस ने मार्च 2024 से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से खुफिया जानकारी मिटाने और बीआरएस शासन के दौरान फोन टैपिंग किये जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
भाषा प्रीति माधव
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