नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि प्रमुख हवाई अड्डों पर की गई निगरानी में विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में कई खामियां सामने आई हैं।
नियामक ने कहा कि इनमें कई ऐसे मामले शामिल हैं, जहां विमान में खामियां फिर से दिखाई दीं और रनवे पर केंद्र रेखा का निशान धुंधला हो गया था।
अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की पृष्ठभूमि में की गई इस जांच में उड़ान संचालन, उड़ान योग्यता, रैंप सुरक्षा, हवाई यातायात नियंत्रण, संचार, नेविगेशन प्रणाली और उड़ान-पूर्व चिकित्सा मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया था।
नागर विमानन महानिदेशालय ने बयान में विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में एयरलाइन कंपनियों या किसी अन्य इकाई का नाम बताए बिना कहा कि सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए संबंधित पक्षों को सात दिन के भीतर निष्कर्षों के बारे में बता दिया गया।
बयान में कहा गया कि निगरानी के दौरान, एक अनुसूचित एयरलाइन की घरेलू उड़ान घिसे हुए टायरों के कारण रुकी हुई पाई गई और आवश्यक सुधार के बाद ही उसे छोड़ा गया।
नियामक ने कहा कि ऐसे कई मामले थे, जिनमें पहले पता चल चुकी खामियां विमान में फिर से दिखाई दीं, जिससे अप्रभावी निगरानी और अपर्याप्त सुधार का संकेत मिलता है।
नियामक ने यह भी पाया कि एक सिम्युलेटर विमान की बनावट से मेल नहीं खा रहा था और सॉफ्टवेयर भी वर्तमान संस्करण में ‘अपडेट’ नहीं किया गया था।
भाषा पाण्डेय अजय
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