ओटावा, 24 जून (भाषा)कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा है कि 40 वर्ष पहले एअर इंडिया की उड़ान 182 कनिष्क में हुआ बम धमाका ‘‘हिंसक उग्रवाद से लड़ने और कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने की हमारी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है।’’
कार्नी की यह टिप्पणी कनिष्क बम धमाके की 40वीं बरसी के अवसर पर आई है। इस घटना को लेकर सोमवार को पूरे कनाडा में समुदाय के सदस्यों, भारतीय मिशन तथा अन्य लोगों द्वारा, यहां डॉव झील स्थित एअर इंडिया स्मारक सहित अन्य स्थानों पर स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कनाडा के मॉन्ट्रियल से ब्रिटेन के लंदन के रास्ते नयी दिल्ली आ रही एअर इंडिया की ‘कनिष्क’ उड़ान संख्या 182 में 23 जून 1985 को ब्रिटेन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया था। इस आतंकवादी हमले में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे।
कार्नी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ 40 वर्ष पहले, कनाडा ने अपने इतिहास के सबसे घातक आतंकवादी हमले का सामना किया था। आज, हम एअर इंडिया बम धमाके के 268 कनाडाई पीड़ितों और आतंकवादी कृत्यों में मारे गए सभी लोगों को याद करते हैं। यह (घटना) हिंसक उग्रवाद से लड़ने और कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने की हमारी प्रतिबद्धता की याद दिलाती है।’’
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह आतंकवादी हमला हमारे देश के इतिहास में सबसे घातक है – जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। हम पीड़ितों को याद करते हैं और हमारी संवेदनाएं उनके प्रियजनों के साथ हैं जो दशकों से शोकाकुल हैं। कनाडा आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के खतरों और प्रभावों का पता लगाने, रोकने और उनका जवाब देने के लिए अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।’’
इससे पहले, कार्नी ने एक बयान में कहा कि कनाडा की नई सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘‘स्पष्ट रूप से’’ खड़ी है। उन्होंने 40 साल पहले एअर इंडिया की उड़ान 182 कनिष्क पर हुए आतंकी हमले को ‘‘देश के इतिहास का सबसे घातक हमला’’ करार दिया था।
ओटावा में सोमवार को एअर इंडिया विमान धमाके की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर डॉव झील स्थित एअर इंडिया स्मारक पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पीड़ितों के परिवारों, मित्रों और अन्य समुदाय के सदस्यों ने इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों को याद किया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में एअर इंडिया पीड़ित परिवार संघ के निदेशक सुशील गुप्ता शामिल थे। इस घटना के समय गुप्ता मात्र 12 साल के थे और उन्होंने इस विस्फोट में अपनी मां को खो दिया था।
कनाडा स्थित भारतीय मिशनों ने भी ओटावा और टोरंटो में कार्यक्रम आयोजित किये।
ओटावा में कार्यवाहक उच्चायुक्त चिन्मय नाइक ने उन पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की। एक बयान में उच्चायोग ने इन पीड़ितों को ‘‘कायरतापूर्ण आतंकवादी बम विस्फोट’’ का शिकार बताया।
टोरंटो में कार्यवाहक महावाणिज्यदूत कपिध्वज प्रताप सिंह ने इटोबिकोक के हम्बर बे पार्क में एअर इंडिया 182 स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर इस घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
इस बीच, सीबीसी न्यूज ने ब्रिटिश कोलंबिया पुलिस के हवाले से बताया कि ‘मिस्टर एक्स’ के नाम से जाना जाने वाला एक संदिग्ध के बारे में माना जाता है कि उसने 1985 के एअर इंडिया आतंकवादी हमले में मदद की थी लेकिन मुकदमा शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने पर्याप्त सबूत नहीं होने का हवाला देते हुए संदिग्ध की पहचान उजागर नहीं की है।
भाषा धीरज पवनेश
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